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नवरात्र स्पेशल : इस दरबार में जो सच्चे मन से मांगा जाता है, वह मिल जाता है...
चंद्रिल कुलश्रेष्ठ
हाथरस। हाथरस अलीगढ़ रोड पर कस्बा सासनी के समीप प्राचीन कंकाली माता का मंदिर। स्थानीय सहित दूरस्थ इलाकों के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र। माता से मांगी गई मन्नत पूरी होने पर हाजिरी लगाने वालों का रैला। धक्का-मुक्की के बीच माता के दर्शनों की लालसा लिए डटे हुए लोग। घंट-घड़ियालों की टंकार और महामाई के जयघोष। ऐसा ही नजारा रहता हैं कंकाली माता मंदिर में।
यहां शारदीय नवरात्र में दुर्गाष्टमी पर भक्तों ने मां कंकाली की उपासना की। अधिकतर घरों में भी कन्या और लांगुराओं को जिमाया गया। देवी कंकाली माता के दरबार में दिन भर पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की जबर्दस्त भीड़ रही। धक्का-मुक्की और मारामारी के बीच भक्तों ने माता रानी के दर्शन कर जलाभिषेक किया और नारियल के साथ चना, हलवा आदि का भोग लगाया। जगह-जगह शिविर लगे हुए थे। देवी मां की मनोहारी झांकी सजाकर भक्ति गीतों पर लोग झूम रहे थे। भोर की पहली किरण से ही भक्तों का जुटना शुरू हो गया था। घरों में भी परिवार के लोगों ने सामूहिक रूप से माता की अज्ञारी कर पूजा-अर्चना की और उसके बाद मंदिर जाकर परिवार की सुख-शांति के लिए मनौती मांगी।
हाथरस अलीगढ़ रोड पर कस्बा सासनी के समीप प्राचीन कंकाली माता का ये मंदिर आस्था का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में खास नवरात्र के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ता है। कुछ भक्त माता से मनोकामना पूर्ण करने की मांग करते हैं तो कुछ मनोकामना पूर्ण होने पर घंटा आदि चढ़ा कर मां का शुक्रिया अदा करते हैं।
पहले हादसों के लिए जाना जाता था यह इलाका
मंदिर के पुजारी रामचन्द्र ने बताया कि सैकड़ों साल से स्थापित इस मंदिर की कई बातें प्रचलित हैं। मंदिर निर्माण से पूर्व यह रोड हादसों के लिए जाना जाता था, पर माता के प्रताप से अब इस जगह ही नहीं, आसपास भी हादसे नहीं होते हैं।
नवरात्र में भरता है मेला
हाथरस के सासनी कस्बे स्थित माता कंकाली के मंदिर पर नवरात्र में मेला भरता है। मंदिर परिसर में प्रसाद बेचने वालों की मानें तो यहां प्रतिदिन भक्तों की संख्या सैकड़ों में रहती है, पर माह के सोमवार और नवरात्र पर भक्तों की संख्या हजारों से ज्यादा हो जाती है।
माता के दरबार में मिलता है सुकून
प्रसाद की ठेली लगाने वाली उर्मिला देवी का कहना है कि वो पिछले 35 साल से माता के दरबार में प्रसाद की ठेली लगाती आ रही है। रोजी-रोटी के साथ एक सुकून की अनभूति भी माता के दरबार में होती है। किसी भी कष्ट की अनभूति होने पर मां उसका निस्तारण कर देती है। वहीं माता के दरबार में हाजिरी लगाने वाले भक्त भी माता को चमत्कारी कहते हैं।
मन्नत पूरी होने पर 16 साल से लगा रही हूं हाजिरी
माता के दराबार में चना, हलवा लेकर आई नमिता सिंघल ने बताया कि माता से मन्नत मांगी थी। मां के प्रताप से वह पूरी हो गई तो पिछले 16 साल से माता के दरबार में हाजिरी लगाने आती हूं। राजवती का कहना है कि उसकी तीसरी पीढ़ी है जो माता के दरबार में अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रही है। माता सबकी सुनती है। इस दरबार में जो सच्चे मन से मांगा जाता है, वो पूरा होता है।
हाथरस। हाथरस अलीगढ़ रोड पर कस्बा सासनी के समीप प्राचीन कंकाली माता का मंदिर। स्थानीय सहित दूरस्थ इलाकों के श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र। माता से मांगी गई मन्नत पूरी होने पर हाजिरी लगाने वालों का रैला। धक्का-मुक्की के बीच माता के दर्शनों की लालसा लिए डटे हुए लोग। घंट-घड़ियालों की टंकार और महामाई के जयघोष। ऐसा ही नजारा रहता हैं कंकाली माता मंदिर में।
यहां शारदीय नवरात्र में दुर्गाष्टमी पर भक्तों ने मां कंकाली की उपासना की। अधिकतर घरों में भी कन्या और लांगुराओं को जिमाया गया। देवी कंकाली माता के दरबार में दिन भर पूजा-अर्चना के लिए भक्तों की जबर्दस्त भीड़ रही। धक्का-मुक्की और मारामारी के बीच भक्तों ने माता रानी के दर्शन कर जलाभिषेक किया और नारियल के साथ चना, हलवा आदि का भोग लगाया। जगह-जगह शिविर लगे हुए थे। देवी मां की मनोहारी झांकी सजाकर भक्ति गीतों पर लोग झूम रहे थे। भोर की पहली किरण से ही भक्तों का जुटना शुरू हो गया था। घरों में भी परिवार के लोगों ने सामूहिक रूप से माता की अज्ञारी कर पूजा-अर्चना की और उसके बाद मंदिर जाकर परिवार की सुख-शांति के लिए मनौती मांगी।
हाथरस अलीगढ़ रोड पर कस्बा सासनी के समीप प्राचीन कंकाली माता का ये मंदिर आस्था का प्रतीक माना जाता है। इस मंदिर में खास नवरात्र के मौके पर भक्तों का सैलाब उमड़ता है। कुछ भक्त माता से मनोकामना पूर्ण करने की मांग करते हैं तो कुछ मनोकामना पूर्ण होने पर घंटा आदि चढ़ा कर मां का शुक्रिया अदा करते हैं।
पहले हादसों के लिए जाना जाता था यह इलाका
मंदिर के पुजारी रामचन्द्र ने बताया कि सैकड़ों साल से स्थापित इस मंदिर की कई बातें प्रचलित हैं। मंदिर निर्माण से पूर्व यह रोड हादसों के लिए जाना जाता था, पर माता के प्रताप से अब इस जगह ही नहीं, आसपास भी हादसे नहीं होते हैं।
नवरात्र में भरता है मेला
हाथरस के सासनी कस्बे स्थित माता कंकाली के मंदिर पर नवरात्र में मेला भरता है। मंदिर परिसर में प्रसाद बेचने वालों की मानें तो यहां प्रतिदिन भक्तों की संख्या सैकड़ों में रहती है, पर माह के सोमवार और नवरात्र पर भक्तों की संख्या हजारों से ज्यादा हो जाती है।
माता के दरबार में मिलता है सुकून
प्रसाद की ठेली लगाने वाली उर्मिला देवी का कहना है कि वो पिछले 35 साल से माता के दरबार में प्रसाद की ठेली लगाती आ रही है। रोजी-रोटी के साथ एक सुकून की अनभूति भी माता के दरबार में होती है। किसी भी कष्ट की अनभूति होने पर मां उसका निस्तारण कर देती है। वहीं माता के दरबार में हाजिरी लगाने वाले भक्त भी माता को चमत्कारी कहते हैं।
मन्नत पूरी होने पर 16 साल से लगा रही हूं हाजिरी
माता के दराबार में चना, हलवा लेकर आई नमिता सिंघल ने बताया कि माता से मन्नत मांगी थी। मां के प्रताप से वह पूरी हो गई तो पिछले 16 साल से माता के दरबार में हाजिरी लगाने आती हूं। राजवती का कहना है कि उसकी तीसरी पीढ़ी है जो माता के दरबार में अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रही है। माता सबकी सुनती है। इस दरबार में जो सच्चे मन से मांगा जाता है, वो पूरा होता है।
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