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प्यार करने की मिली सजा, नशे का इंजेक्शन लगाकर रोज करते थे गैंगरेप
इलाहाबाद/प्रतापगढ़। हवस के पुजारियों ने एक और किशोरी की जिंदगी तबाह कर दी है ।उसके साथ इस कदर दरिंदगी हुई है कि अब वह जिन्दगी के लिए अस्पताल में जूझ रही है। मामला प्रतापगढ़ जिले का है। जहां एक नाबालिग लड़की को अपने प्रेमजाल में फॅसा कर प्रेमी ने ही धोखा दे दिया। प्रेमी ने अपने तीन मनचले साथियों के हाथ किशोरी को बेच दिया। हर रोज नशे का इंजेक्शन लगाकर तीनों युवक उसके साथ रेप करते लेकिन जब किशोरी की हालत बिगड़ गई तो उसे बदहवास हालत में नई दिल्ली स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 के पास छोड़ गए। इस बावत जब परिजनों को खबर हुई तो वह दिल्ली पहुंचे और अब उसका इलाज इलाहाबाद में हो रहा है। जहां उसकी हालत अच्छी नहीं है।
प्यार में छोड़ दिया घर
प्रतापगढ़ के महेशगंज इलाके से यह घटना शुरू होती है यही की रहने वाली एक लड़की की पड़ोसी गांव के युवक मोहित से दोस्ती थी। दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदली और 6 मार्च को लड़की ने मोहित के लिए अपना घर छोड़ दिया। मोहित लड़की को पहले कुंडा ले गया और फिर इलाहाबाद ले गया। इलाहाबाद में ही लड़की को पेय पदार्थ में नशीला पदार्थ पिला दिया गया और जब उसे होश आया तो वह दर्द और कमजोरी से बदहवाश हो चुकी थी लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह थी की वह अब दिल्ली पहुंच चुकी थी वह दिल्ली कैसे पहुंची उसे कुछ याद नहीं याद लेकिन जब वह रोने लगी तो उसकी पिटाई कर दी गई।
बंद कमरे में होती थी ज्यादती
लड़की को एक कमरे में बंद कर दिया गया था। बस उसे इतना पता था की वह दिल्ली आ चुकी है। उसे बार बार नशे का इंजेक्शन लगा दिया जाता था। उसकी जब आंख खुलती थी तो मोहित के तीन दोस्त उसके पास होते थे। बारी बारी से तीनों उनका रेप करते। नशे की वजह से उसके पास इतनी भी ताकत नहीं थी की वह कुछ विरोध कर पाती। अगर कुछ विरोध करती भी तो थप्पड़ों की बौछार उस पर होने लगती। उसे लगने लगा की अब उसकी जिंदगी का यही अंत हो जायेगा। वह जब होश में आती माता पिता के पास जाने के लिए रोती। सब उसे छोड़ देने की मिन्नतें करती लेकिन दरिंदो को उससे कोई लगाव नहीं था वह सिर्फ अपनी हवस मिटा रहे थे। 4-5 दिन बाद हैवानों के साथ कुछ और लोग भी आने लगे जो लड़की का रेप करते और चले जाते। वह जब नए चेहरों को देखती तो उनसे भी मदद की मिन्नत करती लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी।
हालत बिगड़ी तो प्लेटफॉर्म पर छोड़ा
लगतार लड़की के साथ दरिंदगी जारी रही और विरोध करने पर उसे खूब मारा पीटा जाने लगा। 7 अप्रैल को उसके निजी अंगों पर हैवानियत के साथ उसे इतना मारा कि उसकी हालत बिगड़ गई। पूनम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर छोड़ दिया गया। होश आने पर उसने वहां से गुजर रहे लोगों से मदद मांगी तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। अस्पताल से किशोरी के घर पर फोन किया गया तो बदहवाश परिजन दिल्ली पहुंचे और नाजुक हालत में बेटी को लेकर इलाहाबाद आये।
प्यार में छोड़ दिया घर
प्रतापगढ़ के महेशगंज इलाके से यह घटना शुरू होती है यही की रहने वाली एक लड़की की पड़ोसी गांव के युवक मोहित से दोस्ती थी। दोस्ती धीरे धीरे प्यार में बदली और 6 मार्च को लड़की ने मोहित के लिए अपना घर छोड़ दिया। मोहित लड़की को पहले कुंडा ले गया और फिर इलाहाबाद ले गया। इलाहाबाद में ही लड़की को पेय पदार्थ में नशीला पदार्थ पिला दिया गया और जब उसे होश आया तो वह दर्द और कमजोरी से बदहवाश हो चुकी थी लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह थी की वह अब दिल्ली पहुंच चुकी थी वह दिल्ली कैसे पहुंची उसे कुछ याद नहीं याद लेकिन जब वह रोने लगी तो उसकी पिटाई कर दी गई।
बंद कमरे में होती थी ज्यादती
लड़की को एक कमरे में बंद कर दिया गया था। बस उसे इतना पता था की वह दिल्ली आ चुकी है। उसे बार बार नशे का इंजेक्शन लगा दिया जाता था। उसकी जब आंख खुलती थी तो मोहित के तीन दोस्त उसके पास होते थे। बारी बारी से तीनों उनका रेप करते। नशे की वजह से उसके पास इतनी भी ताकत नहीं थी की वह कुछ विरोध कर पाती। अगर कुछ विरोध करती भी तो थप्पड़ों की बौछार उस पर होने लगती। उसे लगने लगा की अब उसकी जिंदगी का यही अंत हो जायेगा। वह जब होश में आती माता पिता के पास जाने के लिए रोती। सब उसे छोड़ देने की मिन्नतें करती लेकिन दरिंदो को उससे कोई लगाव नहीं था वह सिर्फ अपनी हवस मिटा रहे थे। 4-5 दिन बाद हैवानों के साथ कुछ और लोग भी आने लगे जो लड़की का रेप करते और चले जाते। वह जब नए चेहरों को देखती तो उनसे भी मदद की मिन्नत करती लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी।
हालत बिगड़ी तो प्लेटफॉर्म पर छोड़ा
लगतार लड़की के साथ दरिंदगी जारी रही और विरोध करने पर उसे खूब मारा पीटा जाने लगा। 7 अप्रैल को उसके निजी अंगों पर हैवानियत के साथ उसे इतना मारा कि उसकी हालत बिगड़ गई। पूनम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर छोड़ दिया गया। होश आने पर उसने वहां से गुजर रहे लोगों से मदद मांगी तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया। अस्पताल से किशोरी के घर पर फोन किया गया तो बदहवाश परिजन दिल्ली पहुंचे और नाजुक हालत में बेटी को लेकर इलाहाबाद आये।
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