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महापंचायत में कर्जमाफी को लेकर गरजे किसान
टोंक। किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट की अध्यक्षता में शनिवार को झिराणा में किसानों की मांगो कर्ज माफ किया जाए, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद चालू हो, डॉ.एम एस स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू की जाए सहित किसानों की मांगों को लेकर किसानों की बैठक आयोजित की गई।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से कम होने के बावजूद सरकार उस पर खरीद नहीं करती जबकि उस मूल्य को सरकार गारंटेड मूल्य बताती है और यह मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत घोषित किया जाता है। सरकारी योजना होते हुए भी उसके लाभ से सरकार किसानों को वंचित करती हैं जिसके लिए किसानों ने एकजुट होकर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होते ही उसका परिचय प्रसार ग्राम स्तर पर विज्ञापन के माध्यम से सभी मीडिया में प्रसारित हो दूसरा खरीद केंद्र 9893 ग्राम पंचायतों पर बने जिससे वर्षभर ग्राम स्तर पर खरीद चालू रहे तभी मिलेगा किसानों को लाभ अन्यथा यह योजना किसानों के लिए उपाय नहीं रहेगी ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जिन किसानों का प्रीमियम सरकार ने काटा है उनकी फसलों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बीमा कंपनियों की ओर से क्लेम दिलवाया जाये और जो गुणवत्ता में कमी आई उसकी पूर्ति के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के समय बीमा कंपनियों को उपस्थित रखा जावे जितनी गुणवत्ता कम पाए जाए उसकी वसूली बीमा कंपनियों से करके किसानों को क्लेम की पूर्ति की जावे इन बातों के लिए टोंक जिले के झीराणा गांव में गौंण मंडी में खरीद केंद्र शुरू करने के लिए सभी किसानो का आव्हान किया कि वह अपने हक की लड़ाई के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय सदस्य अकबर खान ने कहा कि जो किसान ना धूप देखता है ना गर्मी देखता है अपनी पूरी शिद्दत से अनाज पैदा करता है उसी किसान के साथ अन्याय किया जा रहा हैं यह कहां का इंसाफ है। किसान पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपना हक मांगता है तथा किसानों का ऋण मुक्ति हो , न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद चालू हो , पूरा मोल घर में तौल आदि मांगों को लेकर रणनीति बनाते हुए चर्चा की ।
किसान पंचायत के जिलाध्यक्ष दशरथ लाल गुर्जर आदि ने अपने भी अपनें विचार रखे । इस अवसर पर कयामुद्दीन रंगरेज ,रोशन रंगरेज, अशोक विशनोई ,मोहम्मद इशाक, जावेद खान , नंद लाल गोरा , शिव लाल जाट , किशन लाल काशीपुरा , रामनारायण ,पोकर गढ़वाल , सज्जन सिंह ,बाबूलाल गुंसारिया, अशोक बैरवा,गुंजल,रामनारायण ,शिवप्रताप ,जगदीश ,हरिनारायण ,रामेश्वर,जगदीश प्रजापत, मोहन लाल,राम गोपाल , केदार , दुर्गा लाल, किशन लाल सहित सैकड़ों के तादाद में किसान मौजूद थे।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से कम होने के बावजूद सरकार उस पर खरीद नहीं करती जबकि उस मूल्य को सरकार गारंटेड मूल्य बताती है और यह मूल्य समर्थन योजना के अंतर्गत घोषित किया जाता है। सरकारी योजना होते हुए भी उसके लाभ से सरकार किसानों को वंचित करती हैं जिसके लिए किसानों ने एकजुट होकर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होते ही उसका परिचय प्रसार ग्राम स्तर पर विज्ञापन के माध्यम से सभी मीडिया में प्रसारित हो दूसरा खरीद केंद्र 9893 ग्राम पंचायतों पर बने जिससे वर्षभर ग्राम स्तर पर खरीद चालू रहे तभी मिलेगा किसानों को लाभ अन्यथा यह योजना किसानों के लिए उपाय नहीं रहेगी ।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में जिन किसानों का प्रीमियम सरकार ने काटा है उनकी फसलों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बीमा कंपनियों की ओर से क्लेम दिलवाया जाये और जो गुणवत्ता में कमी आई उसकी पूर्ति के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के समय बीमा कंपनियों को उपस्थित रखा जावे जितनी गुणवत्ता कम पाए जाए उसकी वसूली बीमा कंपनियों से करके किसानों को क्लेम की पूर्ति की जावे इन बातों के लिए टोंक जिले के झीराणा गांव में गौंण मंडी में खरीद केंद्र शुरू करने के लिए सभी किसानो का आव्हान किया कि वह अपने हक की लड़ाई के लिए एकजुट होकर संघर्ष करें।
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय सदस्य अकबर खान ने कहा कि जो किसान ना धूप देखता है ना गर्मी देखता है अपनी पूरी शिद्दत से अनाज पैदा करता है उसी किसान के साथ अन्याय किया जा रहा हैं यह कहां का इंसाफ है। किसान पूर्ण लोकतांत्रिक तरीके से अपना हक मांगता है तथा किसानों का ऋण मुक्ति हो , न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद चालू हो , पूरा मोल घर में तौल आदि मांगों को लेकर रणनीति बनाते हुए चर्चा की ।
किसान पंचायत के जिलाध्यक्ष दशरथ लाल गुर्जर आदि ने अपने भी अपनें विचार रखे । इस अवसर पर कयामुद्दीन रंगरेज ,रोशन रंगरेज, अशोक विशनोई ,मोहम्मद इशाक, जावेद खान , नंद लाल गोरा , शिव लाल जाट , किशन लाल काशीपुरा , रामनारायण ,पोकर गढ़वाल , सज्जन सिंह ,बाबूलाल गुंसारिया, अशोक बैरवा,गुंजल,रामनारायण ,शिवप्रताप ,जगदीश ,हरिनारायण ,रामेश्वर,जगदीश प्रजापत, मोहन लाल,राम गोपाल , केदार , दुर्गा लाल, किशन लाल सहित सैकड़ों के तादाद में किसान मौजूद थे।
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