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सीएम साहब मेवात को कब मिलेंगे पर्याप्त अधिकारी और कर्मचारी
कासिम खान मेवात।
सूबे के सबसे पिछड़े नूंह मेवात जिले में आगामी 17 नवंबर को दो दिवसीय
दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जनता दरबार में स्टॉफ की कमी का
मामला प्रमुखता से उठ सकता है। स्टॉफ की कमी की वजह से विकास कार्यों में
उतनी तेजी नहीं लाई जा सकती , जितनी सूबे के दूसरे जिलों में देखने मिलती
है। शायद यही वजह है कि मेवात जिला आज भी पिछड़ेपन का कलंक अपने माथे पर ढो
रहा है। कुछ विभागों को तो स्टाफ की कमी की वजह से जुगाड़ से चलाया जा रहा
है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा , स्वास्थ्य , डीसी दफ्तर , एसडीएम दफ्तर , रोडवेज , डीआईपीआरओ , खेल , बिजली , पंचायत सहित बहुत से ऐसे विभाग हैं ,जिनमें स्टॉफ की स्थिति बेहतर नहीं है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि विकास की मुख्य कड़ी पंचायत विभाग और नगरपालिकाओं में जुगाड़ से काम चलता है। एक-एक खंड विकास अधिकारी कई-कई खंड की जिम्मेदारी संभाल रहा है। नगरपालिकाओं में सचिवों का अभाव है। उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर पीएचसी-सीएचसी ही नहीं सामान्य अस्पताल यहां तक की मेडिकल कॉलेज नल्हड भी स्टॉफ की कमी से अछूता नहीं है। पुलिस विभाग की बात करें तो पुन्हाना उपमंडल को पिछले कई माह से डीएसपी नसीब नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा मेवात पुलिस को जवानों की कमी खलती रहती है। जिले के प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूलों में तो टीचर दूरबीन से खोजने पर भी कम ही दिखाई पड़ते है। सूबे के मुखिया मनोहर लाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने के बाद लगातार दो दिन यहां की जनता , वर्कर , अधिकारियों से रूबरू होंगे और उनके पास पर्याप्त समय होगा। जनता दरबार में भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ सकती है। जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली मनोहर सरकार में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों - कर्मचारियों की शिकायत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। नारनौल में सीएम साहब ने कई लोगों पर शिकायत मिलने के बाद गाज भी गिराई है। कुल मिलाकर लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है कि सीएम मनोहर लाल के दो दिवसीय दौरे के बाद नूंह जिले के सरकारी दफ्तरों में बाबुओं - अधिकारियों की कमी पूरी होती है या फिर इलाके के लोगों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शिक्षा , स्वास्थ्य , डीसी दफ्तर , एसडीएम दफ्तर , रोडवेज , डीआईपीआरओ , खेल , बिजली , पंचायत सहित बहुत से ऐसे विभाग हैं ,जिनमें स्टॉफ की स्थिति बेहतर नहीं है। सबसे हैरत की बात तो यह है कि विकास की मुख्य कड़ी पंचायत विभाग और नगरपालिकाओं में जुगाड़ से काम चलता है। एक-एक खंड विकास अधिकारी कई-कई खंड की जिम्मेदारी संभाल रहा है। नगरपालिकाओं में सचिवों का अभाव है। उप स्वास्थ्य केंद्र से लेकर पीएचसी-सीएचसी ही नहीं सामान्य अस्पताल यहां तक की मेडिकल कॉलेज नल्हड भी स्टॉफ की कमी से अछूता नहीं है। पुलिस विभाग की बात करें तो पुन्हाना उपमंडल को पिछले कई माह से डीएसपी नसीब नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा मेवात पुलिस को जवानों की कमी खलती रहती है। जिले के प्राइमरी से लेकर मिडिल स्कूलों में तो टीचर दूरबीन से खोजने पर भी कम ही दिखाई पड़ते है। सूबे के मुखिया मनोहर लाल मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान होने के बाद लगातार दो दिन यहां की जनता , वर्कर , अधिकारियों से रूबरू होंगे और उनके पास पर्याप्त समय होगा। जनता दरबार में भी लोगों की भारी भीड़ उमड़ सकती है। जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाली मनोहर सरकार में कुछ भ्रष्ट अधिकारियों - कर्मचारियों की शिकायत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। नारनौल में सीएम साहब ने कई लोगों पर शिकायत मिलने के बाद गाज भी गिराई है। कुल मिलाकर लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों की शिकायत से भी इंकार नहीं किया जा सकता। अब देखना यह है कि सीएम मनोहर लाल के दो दिवसीय दौरे के बाद नूंह जिले के सरकारी दफ्तरों में बाबुओं - अधिकारियों की कमी पूरी होती है या फिर इलाके के लोगों को एक बार फिर से निराशा हाथ लगती है।
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