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ईडी ने कहा हुड्डा ने प्लाट आवंटन में पहुंचाया था राजकोष को नुकसान
चंडीगढ़।
एसोसिएटिड जर्नल्स लिमिटेड (ए.जे.एल.) को हुड्डा सरकार में प्लाट अलाटमैंट
को लेकर कथित रूप से बरती गई अनियमितताओं को लेकर डायरैक्टोरेट ऑफ
इनफोर्समैंट(ई.डी.) द्वारा दर्ज किए गए आपराधिक केस में वरिष्ठ कांग्रेसी
नेता 86 वर्षीय मोती लाल वोरा की एक याचिका पर ई.डी. ने हाईकोर्ट में अपना
जवाब पेश किया है, जिसमें ई.डी. ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा
पर जांच के आधार पर अपनी सरकारी स्थिति का दुरुपयोग करते हुए याची को लाभ
पहुंचाते हुए सरकारी राजकोष को नुकसान पहुंचाने की बात कही है।
ई.डी. ने वोरा के उन आरोपों को बेबुनियाद बताया है जिसमें वोरा ने ई.डी. द्वारा उन्हें शोषित किए जाने के आरोप लगाए थे। ई.डी. के डिप्टी डायरैक्टर एस.के. कांतिवल की तरफ से यह जवाब दायर किया गया है। मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।
याचिका में ई.डी. द्वारा दर्ज किए गए इनफोर्समैंट केस इनवैस्टिगेशन रिपोर्ट (ई.सी.आई.आर.) को रद्द करने की मांग की गई है। वहीं मामले में फिलहाल हाईकोर्ट ने वोरा की गिरफ्तारी पर तत्काल स्टे लगाए जाने की मांग पर कार्रवाई नहीं की है। 15 जुलाई, 2016 को ई.डी. के चंडीगढ़ ऑफिस में केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद अक्तूबर में जांच के संबंध में वोरा को नोटिस भेजा गया था।
ई.डी. ने वोरा के उन आरोपों को बेबुनियाद बताया है जिसमें वोरा ने ई.डी. द्वारा उन्हें शोषित किए जाने के आरोप लगाए थे। ई.डी. के डिप्टी डायरैक्टर एस.के. कांतिवल की तरफ से यह जवाब दायर किया गया है। मामले में अगली सुनवाई 31 अगस्त को होगी।
याचिका में ई.डी. द्वारा दर्ज किए गए इनफोर्समैंट केस इनवैस्टिगेशन रिपोर्ट (ई.सी.आई.आर.) को रद्द करने की मांग की गई है। वहीं मामले में फिलहाल हाईकोर्ट ने वोरा की गिरफ्तारी पर तत्काल स्टे लगाए जाने की मांग पर कार्रवाई नहीं की है। 15 जुलाई, 2016 को ई.डी. के चंडीगढ़ ऑफिस में केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद अक्तूबर में जांच के संबंध में वोरा को नोटिस भेजा गया था।
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