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सैलानियों को आकर्षित करने के लिए नई सैर -सपाटा नीति पर मोहर
चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के नेतृत्व में पंजाब
मंत्रालय ने आज पंजाब राज्य सैर -सपाटा नीति -2018 के लिए तैयार की गई
प्लानिंग को स्वीकृति दे दी है जिसका उद्देश्य आने वाले पांच वर्षो में
राज्य को सैर -सपाटे के तौर पर विश्व स्तर पर एक अलग पहचान देने के साथ साथ
सैलानियों की वार्षिक आमद को दोगुना करना है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह नेतृत्व में हुई मंत्री मंडल की मीटिंग दौरान इस योजना पर मोहर लगाई गई। नई नीति सोशल मीडिया सहित सूचना का प्रसार और विद्युत उपकरणों के योग्य प्रयोग के द्वारा जिम्मेदार और स्थिर विकास के द्वारा उच्च स्तरीय सैर -सपाटे को आकर्षित करने के लिए मददगार होगी। यह नीति वर्ष -2003 में बनी मौजूदा सैर-सपाटा नीति का स्थान लेगी।
इस नई नीति का उद्देश्य सैर -सपाटा उद्योग को प्रोत्साहित करना है और राज्य में घरेलू व विदेशी सैलानियों की संख्या में बढ़़ोतरी करना है। यह योजना अलग -अलग विष्यों से संबंधित है जिसमें मानवीय विकास, मार्किटिंग और प्रोमोशन, ग्रामीण सैर -सपाटा और बुनियादी ढांचा विकास, सांस्कृतिक पर्यटन मेडिकल टूरिज्म और फिल्म टूरिज्म का विकास शामिल हैं।
इस नीति के अंतर्गत राज्य सरकार की तरफ से नए मूल ढांचे का सृजन करना और मौजूदा ढांचे में सुधार करके आने वाले पांच वर्षो में सैलानियों की वार्षिक संख्या अढाई करोड़ से दोगुना करके पांच करोड़ करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इस नीति के अंतर्गत सैर सपाटा क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को कला विक्सत कार्याक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण और सामथ्र्य निर्माण की गतिविधियों मुहैया करवाई जाएंगी जिस के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे व सैर सपाटा उद्योग पंजाब में सैर सपाटे के लिए आते सैलानियों को बढिया सेवाएं मुहैया करवाने के योग्य होगा।
सैर सपाटा नीति के अनुसार निवेशकों को सैर सपाटे के क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्साहित करने के उद्देश्य के साथ एक निवेश विभाग बनाया जाएगा, जिस के माध्यम से राज्य में सैर सपाटे में निवेशकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस में रिहायशी, यातायात, टूर, कांफ्रैस और कनवेंशनों व संबंधित क्षेत्रों के संगठित प्रोजेक्ट शामिल होंगे। राज्य सरकार की तरफ से सैर सपाटा उद्योग को ओर मजबूत करने के लिए निवेशकों को उद्योगिक और व्यापार नीति -2017 के अंतर्गत छूट भी दी जाएगी।
अलग -अलग विषयों और पक्षों को मूर्तिमान करते सर्किट सैर -सपाटे के संकल्प को उत्साहित किया जाएगा। इसके साथ मार्किट का वह विशेष हिस्सा आकर्षित होगा जो विशेष स्थान या प्रसंग के लिए रूचि रखता हो। कुछ सर्किट को उत्साहित किया जा सकता है, उनमें मुगल सर्किट, महाराजा सर्किट, अमृतसर सर्किट , पटियाला ट्रेल, लुधियाना सर्किट, चंडीगढ़ सर्किट, नेचर सर्कट, फिरोजपुर सर्किट (जिस में भारत -पाकिस्तान सीमा ट्रेल शामिल है), पंजाब रिट्रीट, फैशनप्रस्त पंजाब, पंजाब इन स्टाईल, त्योहार व कृषि टूर शामिल हैं।
वर्णनीय है कि वर्ष 2016 के दौरान कुल 6.60 लाख विदेशी सैलानियों की आमद रिकार्ड की गई जबकि वर्ष 2015 में 2.43 लाख सैलानी आए थे। इस के अतिरिक्त वर्ष 2016 में 3.87 करोड़ घरेलू सैलानियों की आमद रिकार्ड की गई जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या 2.58 करोड़ थी जिसके साथ पंजाब को घरेलू सैलानियों की आमद के लिए 13वां रैक जबकि विदेशी सैलानियों की आमद के लिए 10वां रैक प्राप्त करने में सहयोग मिला।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह नेतृत्व में हुई मंत्री मंडल की मीटिंग दौरान इस योजना पर मोहर लगाई गई। नई नीति सोशल मीडिया सहित सूचना का प्रसार और विद्युत उपकरणों के योग्य प्रयोग के द्वारा जिम्मेदार और स्थिर विकास के द्वारा उच्च स्तरीय सैर -सपाटे को आकर्षित करने के लिए मददगार होगी। यह नीति वर्ष -2003 में बनी मौजूदा सैर-सपाटा नीति का स्थान लेगी।
इस नई नीति का उद्देश्य सैर -सपाटा उद्योग को प्रोत्साहित करना है और राज्य में घरेलू व विदेशी सैलानियों की संख्या में बढ़़ोतरी करना है। यह योजना अलग -अलग विष्यों से संबंधित है जिसमें मानवीय विकास, मार्किटिंग और प्रोमोशन, ग्रामीण सैर -सपाटा और बुनियादी ढांचा विकास, सांस्कृतिक पर्यटन मेडिकल टूरिज्म और फिल्म टूरिज्म का विकास शामिल हैं।
इस नीति के अंतर्गत राज्य सरकार की तरफ से नए मूल ढांचे का सृजन करना और मौजूदा ढांचे में सुधार करके आने वाले पांच वर्षो में सैलानियों की वार्षिक संख्या अढाई करोड़ से दोगुना करके पांच करोड़ करने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इस नीति के अंतर्गत सैर सपाटा क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को कला विक्सत कार्याक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षण और सामथ्र्य निर्माण की गतिविधियों मुहैया करवाई जाएंगी जिस के साथ युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे व सैर सपाटा उद्योग पंजाब में सैर सपाटे के लिए आते सैलानियों को बढिया सेवाएं मुहैया करवाने के योग्य होगा।
सैर सपाटा नीति के अनुसार निवेशकों को सैर सपाटे के क्षेत्र में निवेश करने के लिए उत्साहित करने के उद्देश्य के साथ एक निवेश विभाग बनाया जाएगा, जिस के माध्यम से राज्य में सैर सपाटे में निवेशकों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस में रिहायशी, यातायात, टूर, कांफ्रैस और कनवेंशनों व संबंधित क्षेत्रों के संगठित प्रोजेक्ट शामिल होंगे। राज्य सरकार की तरफ से सैर सपाटा उद्योग को ओर मजबूत करने के लिए निवेशकों को उद्योगिक और व्यापार नीति -2017 के अंतर्गत छूट भी दी जाएगी।
अलग -अलग विषयों और पक्षों को मूर्तिमान करते सर्किट सैर -सपाटे के संकल्प को उत्साहित किया जाएगा। इसके साथ मार्किट का वह विशेष हिस्सा आकर्षित होगा जो विशेष स्थान या प्रसंग के लिए रूचि रखता हो। कुछ सर्किट को उत्साहित किया जा सकता है, उनमें मुगल सर्किट, महाराजा सर्किट, अमृतसर सर्किट , पटियाला ट्रेल, लुधियाना सर्किट, चंडीगढ़ सर्किट, नेचर सर्कट, फिरोजपुर सर्किट (जिस में भारत -पाकिस्तान सीमा ट्रेल शामिल है), पंजाब रिट्रीट, फैशनप्रस्त पंजाब, पंजाब इन स्टाईल, त्योहार व कृषि टूर शामिल हैं।
वर्णनीय है कि वर्ष 2016 के दौरान कुल 6.60 लाख विदेशी सैलानियों की आमद रिकार्ड की गई जबकि वर्ष 2015 में 2.43 लाख सैलानी आए थे। इस के अतिरिक्त वर्ष 2016 में 3.87 करोड़ घरेलू सैलानियों की आमद रिकार्ड की गई जबकि वर्ष 2015 में यह संख्या 2.58 करोड़ थी जिसके साथ पंजाब को घरेलू सैलानियों की आमद के लिए 13वां रैक जबकि विदेशी सैलानियों की आमद के लिए 10वां रैक प्राप्त करने में सहयोग मिला।
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