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होमगार्ड नियुक्ति में भाजपा कनेक्शन की चर्चा जोरों पर
कासिम खान मेवात।
जिले के होमगार्ड कार्यालय में जवानों को हटाने - लगाने के मामले में
भाजपा कनेक्शन की बात सामने आई है। भाजपा नेता होमगार्ड कार्यालय में अपने
चहेतों को नौकरी दिलवाने के लिए पूरा दवाब बना रहे है। नेताओं के दवाब से
अधिकारी खासे परेशान हैं ,लेकिन सत्ता के नशे में चूर नेताओं पर इसका कोई
असर नहीं है। ये आरोप किसी आम आदमी के नहीं बल्कि इन दिनों होमगार्ड के
जवानों की छंटनी करने में लगे जिला कमांडेंट कर्मबीर सिंह के है।
कर्मबीर सिंह ने साफ कहा कि नूंह जिले में होमगार्ड के जवानों का सही चयन करने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्टॉफ की कार्यालय में कमी है। कुल 424 होमगार्ड के जवानों की सीटें है ,लेकिन आवेदन करने वाले पुराने होमगार्ड के जवानों की संख्या 624 के आसपास है। एक तो होमगार्ड के जवान हटाने पर रिश्वत का आरोप लगाते हैं ,उपर से हटाने और लगाने पर भाजपा नेताओं की डांट और दवाब झेलना पड़ता है। एक तरफ तो हटाए गए 105 होमगार्ड के जवान हाय -तोबा कर रहे हैं ,उपर से नेताओं का दवाब है। जिला होमगार्ड का कार्यालय अकसर विवादों में रहता है। अब दफ्तर नए विवाद में आ गया है। जिले के अधिकारी और मनोहर सरकार इस मामले से कैसे निपटती है , यह देखने लायक होगा।
खास बात तो यह है कि बीजेपी कार्यक्रमों से अकसर गायब रहने वाले भाजपा नेता और कार्यकर्ता मधुमक्खी की तरह लघु सचिवालय में अकसर सरकारी कार्यालयों में मंडराते रहते हैं। भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप से कई अधिकारी परेशान हैं ,लेकिन सत्ता की हनक के सामने उनकी बोलती बंद है। सबका साथ - सबका विकास की बात करने वाली मनोहर सरकार में आम आदमी का विकास भले ही न हो , लेकिन नेताओं का विकास जरूर हो रहा है। जिला कमांडेंट कर्मबीर सिंह ने तो यहां तक कहा कि वे किसी दवाब में आने वाले नहीं हैं , होमगार्ड के जवानों का चयन पारदर्शी तरीके से किया जायेगा। परंतु ज्यादा दखलअंदाजी से कामकाज प्रभावित जरूर हो रहा है।
कर्मबीर सिंह ने साफ कहा कि नूंह जिले में होमगार्ड के जवानों का सही चयन करने में बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। स्टॉफ की कार्यालय में कमी है। कुल 424 होमगार्ड के जवानों की सीटें है ,लेकिन आवेदन करने वाले पुराने होमगार्ड के जवानों की संख्या 624 के आसपास है। एक तो होमगार्ड के जवान हटाने पर रिश्वत का आरोप लगाते हैं ,उपर से हटाने और लगाने पर भाजपा नेताओं की डांट और दवाब झेलना पड़ता है। एक तरफ तो हटाए गए 105 होमगार्ड के जवान हाय -तोबा कर रहे हैं ,उपर से नेताओं का दवाब है। जिला होमगार्ड का कार्यालय अकसर विवादों में रहता है। अब दफ्तर नए विवाद में आ गया है। जिले के अधिकारी और मनोहर सरकार इस मामले से कैसे निपटती है , यह देखने लायक होगा।
खास बात तो यह है कि बीजेपी कार्यक्रमों से अकसर गायब रहने वाले भाजपा नेता और कार्यकर्ता मधुमक्खी की तरह लघु सचिवालय में अकसर सरकारी कार्यालयों में मंडराते रहते हैं। भाजपा नेताओं के हस्तक्षेप से कई अधिकारी परेशान हैं ,लेकिन सत्ता की हनक के सामने उनकी बोलती बंद है। सबका साथ - सबका विकास की बात करने वाली मनोहर सरकार में आम आदमी का विकास भले ही न हो , लेकिन नेताओं का विकास जरूर हो रहा है। जिला कमांडेंट कर्मबीर सिंह ने तो यहां तक कहा कि वे किसी दवाब में आने वाले नहीं हैं , होमगार्ड के जवानों का चयन पारदर्शी तरीके से किया जायेगा। परंतु ज्यादा दखलअंदाजी से कामकाज प्रभावित जरूर हो रहा है।
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