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मौज-मस्ती तक सीमित होते थे कांग्रेस के चिंतन शिविर - राजीव जैन
चंडीगढ़ । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया विभाग प्रमुख राजीव जैन ने सरकार के तीन दिवसीय चिंतन शिविर पर अंगुली उठाने वाले विपक्ष को कड़ी नसीहत देते हुए उन्हें अपने गिरेबां में झांकने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के चिंतन शिविर का केंद्र बिंदु जन मुद्दे और व्यवस्था सरलीकरण है, जबकि पूर्व सरकारों में चिंतन एक कोटरी में बैठकर
अपने आकाओं को खुश करने के लिए किया जाता था।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख राजीव जैन ने विपक्ष द्वारा चिंतन शिविर पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व सरकारों के दौरान चिंतन शिविर जनता से जुड़े मुद्दों से हटकर अपने आकाओं को खुश करने के लिए लगाए जाते थे। इनेलो सरकार में जहां चिंतन शिविर एक ही परिवार के लोगों द्वारा लगाकर कार्यकर्ता और जनता पर निर्णय थोपने का काम किया जाता थ तो कांग्रेस सरकार में एक परिवार के उत्थान को ध्यान में रखकर चिन्तन किया जाता था। ऐसे चिंतन शिविरों में चुनिंदा लोग बैठकर सरकार की दिशा और परिवार विशेष को लाभ दिलाने की योजना पर काम करते थे।
किसानों को जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर जमीन लूटने की योजना बनाई जाती थी कि कौन से सेक्शन लगाकर किसानों की जमीन को कौडिय़ों के दाम लेकर बिल्डरों और प्रापर्टी डीलरों को फायदा पहुंचाया जाए। यही नहीं दिल्ली दरबार मे बैठकर कांग्रेसी मास्टर प्लान में बदलाव तय करते थे, ताकि हरियाणा के राजस्व को नुकसान पहुंचाते हुए अपने आकाओं और उनके रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हरियाणा में बीते 3 साल से भ्रष्ट तंत्र को तोडकऱ सुशासन की ओर बढ़ी है। इस दौरान जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद की परंपरा को खत्म करके योग्य और उपयुक्त व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है। वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा सरकार ने आगामी योजनाओं पर मंथन के लिए योजना बनाई, ताकि योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने से लेकर प्रशासनिक स्तर पर आम आदमी को सरल तरीके अपनाते हुए अपने काम कराने का अवसर मिल सके। इसमें प्रशासनिक स्तर
पर सुधार की अपार गुंजाइश पर मंथन करने का खाका चुना जाना यह दर्शाता है कि भाजपा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कितनी गम्भीरता से काम कर रही है।
अपने आकाओं को खुश करने के लिए किया जाता था।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रमुख राजीव जैन ने विपक्ष द्वारा चिंतन शिविर पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूर्व सरकारों के दौरान चिंतन शिविर जनता से जुड़े मुद्दों से हटकर अपने आकाओं को खुश करने के लिए लगाए जाते थे। इनेलो सरकार में जहां चिंतन शिविर एक ही परिवार के लोगों द्वारा लगाकर कार्यकर्ता और जनता पर निर्णय थोपने का काम किया जाता थ तो कांग्रेस सरकार में एक परिवार के उत्थान को ध्यान में रखकर चिन्तन किया जाता था। ऐसे चिंतन शिविरों में चुनिंदा लोग बैठकर सरकार की दिशा और परिवार विशेष को लाभ दिलाने की योजना पर काम करते थे।
किसानों को जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर जमीन लूटने की योजना बनाई जाती थी कि कौन से सेक्शन लगाकर किसानों की जमीन को कौडिय़ों के दाम लेकर बिल्डरों और प्रापर्टी डीलरों को फायदा पहुंचाया जाए। यही नहीं दिल्ली दरबार मे बैठकर कांग्रेसी मास्टर प्लान में बदलाव तय करते थे, ताकि हरियाणा के राजस्व को नुकसान पहुंचाते हुए अपने आकाओं और उनके रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार हरियाणा में बीते 3 साल से भ्रष्ट तंत्र को तोडकऱ सुशासन की ओर बढ़ी है। इस दौरान जातिवाद, क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद की परंपरा को खत्म करके योग्य और उपयुक्त व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित किया गया है। वर्तमान परिस्थितियों में भाजपा सरकार ने आगामी योजनाओं पर मंथन के लिए योजना बनाई, ताकि योजनाओं को प्रभावी तरीके से क्रियान्वित करने से लेकर प्रशासनिक स्तर पर आम आदमी को सरल तरीके अपनाते हुए अपने काम कराने का अवसर मिल सके। इसमें प्रशासनिक स्तर
पर सुधार की अपार गुंजाइश पर मंथन करने का खाका चुना जाना यह दर्शाता है कि भाजपा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कितनी गम्भीरता से काम कर रही है।
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