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रोटोमैक घोटाला: CBI ने कोठारी पर कसा शिकंजा, कानपुर में 3 ठिकानों पर छापा
कानपुर। पंजाब नेशनल बैंक में हीरा व्यवसायी नीरव मोदी द्वारा 11,400 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद अब एक और कारोबारी पर घोटाले का आरोप लगा है। रोटोमैक पेन कंपनी के प्रमुख विक्रम कोठारी द्वारा कई बैंकों को 800 करोड़ रुपये का चूना लगाने के आरोप में सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कानपुर में उनके कई ठिकानों पर छापेमारी की। कोठारी कानपुर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के 11,515 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद ऐसा अंदेशा जताया जा रहा था कि कोठारी भी देश छोडक़र फरार हो सकते हैं। कानपुर में कोठारी के माल रोड स्थित ऑफिस पर बीते सप्ताह ताला लगा मिला था।
बैंक ऑफ बड़ौदा से मिली शिकायत के बाद सीबीआई कानपुर में उनके तीन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, कानपुर में कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे से पूछताछ की गई। अधिकारी ने बताया कि कोठारी के खिलाफ रविवार रात मामला भी दर्ज कर लिया गया है। कोठारी ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 800 करोड़ रुपये के ऋण लिया था। घोटाले का मामला सामने आने के बाद कोठारी मीडिया के सामने आए और सफाई दी। कोठारी ने कहा कि मैं कानपुर का वासी हूं और मैं शहर में ही रहूंगा और देश नहीं छोडूंगा। कारोबार की वजह से विदेश यात्राएं भी करनी होती है। इसका मतलब ये नहीं है कि मैं देश छोडकऱ भाग गया।
आपको बता दें कि कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। उन्होंने कर्ज लेने के साल बाद कथित तौर पर ना तो मूलधन चुकाया और ना ही उस पर बना ब्याज चुकाया। पिछले साल कर्ज देने वाले बैंकों में शामिल बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को जानबूझकर ऋणचूक करने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित किया था। इस सूची से नाम हटवाने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली थी। बाद में रिजर्व बैंक द्वारा तय प्रक्रिया के मुताबिक, एक प्राधिकृत समिति ने 27 फरवरी 2017 को पारित आदेश में कंपनी को जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित कर दिया।
बैंक ऑफ बड़ौदा से मिली शिकायत के बाद सीबीआई कानपुर में उनके तीन ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया, कानपुर में कोठारी, उनकी पत्नी और बेटे से पूछताछ की गई। अधिकारी ने बताया कि कोठारी के खिलाफ रविवार रात मामला भी दर्ज कर लिया गया है। कोठारी ने इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 800 करोड़ रुपये के ऋण लिया था। घोटाले का मामला सामने आने के बाद कोठारी मीडिया के सामने आए और सफाई दी। कोठारी ने कहा कि मैं कानपुर का वासी हूं और मैं शहर में ही रहूंगा और देश नहीं छोडूंगा। कारोबार की वजह से विदेश यात्राएं भी करनी होती है। इसका मतलब ये नहीं है कि मैं देश छोडकऱ भाग गया।
आपको बता दें कि कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। उन्होंने कर्ज लेने के साल बाद कथित तौर पर ना तो मूलधन चुकाया और ना ही उस पर बना ब्याज चुकाया। पिछले साल कर्ज देने वाले बैंकों में शामिल बैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को जानबूझकर ऋणचूक करने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित किया था। इस सूची से नाम हटवाने के लिए कंपनी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली थी। बाद में रिजर्व बैंक द्वारा तय प्रक्रिया के मुताबिक, एक प्राधिकृत समिति ने 27 फरवरी 2017 को पारित आदेश में कंपनी को जानबूझ कर कर्ज नहीं चुकाने वाला घोषित कर दिया।
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