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बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय विधेयक 2017 ध्वनिमत से पारित
जयपुर। राज्य विधानसभा ने बुधवार को बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय विधेयक 2017 को ध्वनिमत से पारित कर दिया। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बजट 2016-17 में इसकी घोषणा की थी। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय व उससे संबंधित 12 राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और 108 निजी इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। इसके अलावा 3 निजी विश्वविद्यालय भी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे हैं और एमएनआईटी, बिट्स पिलानी, आईआईटी और ट्रिपल आईटी जैसे अंतराष्ट्रीय स्तर के संस्थान राजस्थान में है। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने कहा कि प्रतिभाओं को तकनीकी शिक्षा के मार्गदर्शन के लिए भरतपुर, करौली और बारां में भी राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किए गए हैं। आगामी 2017-18 सत्र से ही ये कार्य करने लगेंगे। इसके लिए उन्होंने निजी प्रयास करके इन्हें इसी सत्र से प्रारम्भ करने की अनुमति एआईसीटीई से प्राप्त की।उन्होंने कहा कि राजस्थान में केवल एक तकनीकी विश्वविद्यालय से सम्पूर्ण प्रदेश के विद्यार्थियों तक पहुंचना कठिन है। ऐसे में मरूप्रदेश के विद्यार्थियों को भी उच्च गुणवत्ता की इंजीनियरिंग के अध्ययन और शोध का अवसर मिल सके, इसके लिए बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की परिपूर्ण स्थापना के लिए सरकार की ओर से भवन एवं आधारभूत सुविधाओं के लिए 30 करोड़ रूपए एवं संचालन के लिए 3 करोड़ रूपए प्रतिवर्ष व्यय किए जाने का वित्तीय प्रावधान किया गया है।उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय से पश्चिमी राजस्थान के युवाओं को इंजीनियरिंग की शिक्षा ग्रहण करने के उत्तम अवसर प्राप्त होंगे और राजस्थान में औद्योगिक इकाइयां जैसे कि रिफाइनरी, पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा आदि की इंजीनियरिंग की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय एक तकनीकी विश्वविद्यालय होने के कारण प्रौद्योगिकी और तकनीकी में मरूप्रदेश और राजस्थान के अन्य भागों की भौगोलिक परिस्थिति, प्राकृतिक संसाधन और अन्य आवश्यकताओं को समझकर अनुसंधान का उत्कृष्ट केन्द्र बन सकेगा। बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में तकनीकी के नवीन कोर्सेज के माध्यम से आधुनिक युग में विश्व की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानव संसाधन की आवश्यकता को पूरा किया जा सकेगा और राजस्थान के युवाओं को तकनीकी रूप से कुशल और सक्षम बनाकर स्वरोजगार एवं रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करने में सहायता मिलेगी।
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