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भीलवाड़ा में शिक्षा केन्द्रों को संवार रहा है सर्व शिक्षा अभियान
जयपुर/भीलवाड़ा। बेहतर शिक्षा के जरिये नई पीढ़ी को सुनहरा भविष्य प्रदान करने की दिशा में राजस्थान में चौतरफा प्रयास जारी हैं। प्रदेश सरकार ने हाल ही चार वर्ष में शैक्षिक उत्थान की दृष्टि से ढेरों प्रयास किए हैं और उनके बेहतर परिणाम भी सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे की मंशा के अनुरूप प्रदेश में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने से लेकर उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से भविष्य संवारने से जुड़े विभिन्न विभागों की ओर से ठोस प्रयास अमल में लाए गए। इनके परिणामस्वरूप आज प्रदेश का शैक्षिक माहौल उत्कर्ष पर है।
प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है और इसके कारण शैक्षिक क्षेत्र में गुणवत्ता अभिवृद्धि के साथ ही शिक्षा और प्रशिक्षण से जुड़े संस्थाओं के विकास एवं विस्तार के क्षेत्र में व्यापक उपलब्धियां अर्जित की गई हैं।
जिले के शैक्षिक उन्नयन में सर्व शिक्षा अभियान की अहम भूमिका रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत गत चार वर्ष में 50376.46 लाख रुपए के निर्माण कार्य करवाए गए। नवाचार के तहत एसआईक्यूई योजनान्तर्गत जिले के कुल 6 हजार 337 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए 103 एबीएस कक्षों का निर्माण किया गया। विशेष योग्यजनों के लिए संचालित पण्डित दीनदयाल योजना के अंतर्गत 3227 सीडब्ल्यूएसएन बच्चों का पंजीयन किया गया। जिले के 160 सीडब्ल्यूएसएन बच्चों को फीजियोथैरेपी भी दी गई। भीलवाड़ा जिले के 1694 दिव्यांग बच्चों को ट्रांसपोर्ट भत्ता एवं 992 दिव्यांग बच्चों को एस्कोर्ट भत्ता प्रदान किया गया। जिले के 1895 विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड एवं 1931 विद्यालयों में अक्षय पेटिका स्थापित की गई। अक्षय पेटी में कुल 624075 रुपए एकत्र किए गए।
प्रदेश के भीलवाड़ा जिले में शिक्षा विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है और इसके कारण शैक्षिक क्षेत्र में गुणवत्ता अभिवृद्धि के साथ ही शिक्षा और प्रशिक्षण से जुड़े संस्थाओं के विकास एवं विस्तार के क्षेत्र में व्यापक उपलब्धियां अर्जित की गई हैं।
जिले के शैक्षिक उन्नयन में सर्व शिक्षा अभियान की अहम भूमिका रही है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत गत चार वर्ष में 50376.46 लाख रुपए के निर्माण कार्य करवाए गए। नवाचार के तहत एसआईक्यूई योजनान्तर्गत जिले के कुल 6 हजार 337 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। गतिविधि आधारित शिक्षण के लिए 103 एबीएस कक्षों का निर्माण किया गया। विशेष योग्यजनों के लिए संचालित पण्डित दीनदयाल योजना के अंतर्गत 3227 सीडब्ल्यूएसएन बच्चों का पंजीयन किया गया। जिले के 160 सीडब्ल्यूएसएन बच्चों को फीजियोथैरेपी भी दी गई। भीलवाड़ा जिले के 1694 दिव्यांग बच्चों को ट्रांसपोर्ट भत्ता एवं 992 दिव्यांग बच्चों को एस्कोर्ट भत्ता प्रदान किया गया। जिले के 1895 विद्यालयों में ग्रीन बोर्ड एवं 1931 विद्यालयों में अक्षय पेटिका स्थापित की गई। अक्षय पेटी में कुल 624075 रुपए एकत्र किए गए।
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