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परवन वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य शुरू नहीं होने तक जारी रहेंगी पदयात्राएं : भाया
बारां। कांग्रेस शासन के दौरान स्वीकृत परवन वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग पर प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया ने बुधवार को 11वें चरण की पदयात्रा तहसील बारां के ग्राम बड़ां से प्रारंभ कर ग्राम बमूलिया जागीर, चैनपुरिया, खेड़ली जागीर से होते हुए ग्राम बोहत पहुंचकर संपन्न की। जन जागरण पदयात्रा के दौरान जिलाध्यक्ष पानाचंद मेघवाल सहित सैकड़ों कांग्रेसजनों, किसानों और क्षेत्रवासियों ने भाग लिया।
कांग्रेस जिला महासचिव कैलाश जैन ने बताया कि गांव-गांव से होकर गुजरी पदयात्रा के दौरान ग्रामीणों एवं किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया ने कहा कि चार साल का लम्बा समय निकल जाने के बावजूद ‘परवन वृहद सिंचाई परियोजना’ पर सरकार की ‘नीयत’ साफ नहीं है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को 4 वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण कराने की लिखित में अण्डरटेकिंग दी थी, लेकिन राज्य की भाजपा सरकार ने द्वेषतावश 4 वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण कराना तो दूर, अब तक मौके पर कार्य भी चालू नहीं करवाया। इस परियोजना की क्रियान्विति में लगातार हो रही देरी के चलते एक तरफ यहां की कृषि आधारित क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। दूसरी ओर नोटबंदी एवं जीएसटी के चलते परियोजना लागत लगभग 231.92 प्रतिशत बढ़ कर करीब 7800 करोड़ रुपए हो गई है। भाया ने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना निर्माण के लिए उनकी पदयात्राएं संवेदक कंपनी को कार्यादेश जारी होने एवं संवेदक कम्पनी द्वारा मौके पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने तक निरंतर जारी रहेंगी।
कांग्रेस जिला महासचिव कैलाश जैन ने बताया कि गांव-गांव से होकर गुजरी पदयात्रा के दौरान ग्रामीणों एवं किसानों को संबोधित करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद जैन भाया ने कहा कि चार साल का लम्बा समय निकल जाने के बावजूद ‘परवन वृहद सिंचाई परियोजना’ पर सरकार की ‘नीयत’ साफ नहीं है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार को 4 वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण कराने की लिखित में अण्डरटेकिंग दी थी, लेकिन राज्य की भाजपा सरकार ने द्वेषतावश 4 वर्ष में इस परियोजना को पूर्ण कराना तो दूर, अब तक मौके पर कार्य भी चालू नहीं करवाया। इस परियोजना की क्रियान्विति में लगातार हो रही देरी के चलते एक तरफ यहां की कृषि आधारित क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। दूसरी ओर नोटबंदी एवं जीएसटी के चलते परियोजना लागत लगभग 231.92 प्रतिशत बढ़ कर करीब 7800 करोड़ रुपए हो गई है। भाया ने अपना संकल्प दोहराते हुए कहा कि परवन वृहद सिंचाई परियोजना निर्माण के लिए उनकी पदयात्राएं संवेदक कंपनी को कार्यादेश जारी होने एवं संवेदक कम्पनी द्वारा मौके पर निर्माण कार्य प्रारंभ होने तक निरंतर जारी रहेंगी।
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