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बांसवाड़ा के बंजर नजर आने वाले पहाड़ों में छलक रही है गागर
जयपुर/बांसवाड़ा। जनजाति बहुल दक्षिणांचल बांसवाड़ा जिले में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान का ही परिणाम है कि सरकार के भगीरथ हाथों के परिणामस्वरूप इन दिनों चारों तरफ पहाड़ों ने जलकलश का रूप ले लिया है।
अभियान के रूप में सरकार की चाह ने राह बना ली है और कभी चट्टानों और बंजर धरातल नजर आने वाले पहाड़ आज छलकती गागर जैसे दिखाई दे रहे हैं। किसी शायर ने भी इसी मंजर को नजरों में रखकर क्या खूब कहा है... ‘मुसीबतों का हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा, तू तो बस भगीरथ बन जा, जहां चाहेगा जल निकलेगा। जिले के छोटी सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में पसरे पहाड़ों का एक ऎसा ही नजारा सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कमलेश शर्मा के निर्देशन में ड्रोन से क्लिक किया गया है। इस चित्र में एक साथ चालीस से अधिक एमपीटी दिखाई दे रही हैं, जिनमें लाखों लीटर पानी का विशाल जल भंडार एकत्र है।
गागर
अभियान के रूप में सरकार की चाह ने राह बना ली है और कभी चट्टानों और बंजर धरातल नजर आने वाले पहाड़ आज छलकती गागर जैसे दिखाई दे रहे हैं। किसी शायर ने भी इसी मंजर को नजरों में रखकर क्या खूब कहा है... ‘मुसीबतों का हल निकलेगा, आज नहीं तो कल निकलेगा, तू तो बस भगीरथ बन जा, जहां चाहेगा जल निकलेगा। जिले के छोटी सरवन पंचायत समिति क्षेत्र में पसरे पहाड़ों का एक ऎसा ही नजारा सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कमलेश शर्मा के निर्देशन में ड्रोन से क्लिक किया गया है। इस चित्र में एक साथ चालीस से अधिक एमपीटी दिखाई दे रही हैं, जिनमें लाखों लीटर पानी का विशाल जल भंडार एकत्र है।
गागर
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