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छिपाकर रखी थी आतंकी की AK-47, रिटायरमेंट बाद सैनिक बना लुटेरा सरगना
बटाला। सेना में तैनाती के दौरान एक सैनिक ने आतंकी की AK-47 राइफल जंगल में छिपाकर रखी ली थी। सेना से सेवानिवृत होने के बाद यह सैनिक लुटेरा गैंग का सरगना बन गया। बटाला पुलिस ने इस लुटेरा सरगना को AK-47 राइफल के साथ गिरफ्तार कर लिया।
लुटेरा गैंग के सरगना गुरप्रीत निक्कू ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2012 में डोडा जिले में तैनात था। वहां तैनाती के दौरान फरवरी 2012 में उसकी यूनिट के जवानों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक आतंकवादी जख्मी हो गया था। जख्मी हालत में आतंकी अपनी एके-47 छोड़कर भाग गया था। उस समय उसने आतंकी की राइफल जंगल में छिपा दी थी।
मार्च 2014 में वह रिटायर हुआ तो सैनिक के भेष में जंगल में छुपाई राइफल लेकर पंजाब गया। तब से राइफल उसके पास थी, लेकिन वह इस बात का जवाब नहीं दे पाया है कि उसके पास राउंड कहां से आए। आरोपी के बयानों को क्रॉस चैक करने के लिए बटाला पुलिस ने एएसआई की अगुवाई में एक टीम डोडा भेजी है। टीम रिकार्ड देखकर पता लगाएगी कि क्या फरवरी 2012 में सचमुच मुठभेड़ हुई थी।
लुटेरा गैंग के सरगना गुरप्रीत निक्कू ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह वर्ष 2012 में डोडा जिले में तैनात था। वहां तैनाती के दौरान फरवरी 2012 में उसकी यूनिट के जवानों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक आतंकवादी जख्मी हो गया था। जख्मी हालत में आतंकी अपनी एके-47 छोड़कर भाग गया था। उस समय उसने आतंकी की राइफल जंगल में छिपा दी थी।
मार्च 2014 में वह रिटायर हुआ तो सैनिक के भेष में जंगल में छुपाई राइफल लेकर पंजाब गया। तब से राइफल उसके पास थी, लेकिन वह इस बात का जवाब नहीं दे पाया है कि उसके पास राउंड कहां से आए। आरोपी के बयानों को क्रॉस चैक करने के लिए बटाला पुलिस ने एएसआई की अगुवाई में एक टीम डोडा भेजी है। टीम रिकार्ड देखकर पता लगाएगी कि क्या फरवरी 2012 में सचमुच मुठभेड़ हुई थी।
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