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आंगनवाड़ी वर्कर-हेल्पर ने अपनी मांगों को लेकर दिया धरना
कासिम खान,नूंह।
जिले की आंगनवाड़ी वर्कर - हेल्पर ने अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को भी
लघुसचिवालय पर धरना -प्रदर्शन जारी रखा। धरने के दौरान महिला
कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खूब जहर उगला। महिला कर्मियों ने कहा कि
जब तक सरकार मांगों को पूरा नही करेगी , तब तक धरना नहीं हटाया जायेगा ।
आंगनबाड़ी वर्कर,हेल्पर महिलाओं ने अपनी मांगों के संबंध में बताया कि सरकार सभी वर्कर,हेल्पर को नियमित करें, जब तक नियमित न हो तब तक 18000 रुपये वर्कर को मासिक वेतन देने का आदेश जारी करें, इसके अलावा हेल्पर को सरकारी कर्मचारियों के समान सारी सुविधा दी जाए, इसके अलावा सभी कर्मचारियों के लिए रिटायमेंट पालिशी के आदेश जारी किये जाएं ।
आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की जिला प्रधान वीरवती,ममता,रीता,नगीना खण्ड उप प्रधान जमशीदा, सलमा खानम आदि ने बताया कि सरकार हर विभाग के कर्मचारियों की मांगों को मान रही है।
आंगनबाड़ी कर्मचारियों की मांगों को निरन्तर झूठा भरोसा देकर भर्मित कर रही है। जमशीदा व सलमा ने बताया कि सरकार की हर योजना में आंगनबाड़ी वर्कर की अहम भागीदारी है। जिसको सरकार के आदेश पर बाखूबी निभाया जा रहा है। आंगनबाड़ी वर्करों का मिनी सचिवालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरने का मंगलवार को दूसरा दिन है। लेकिन शासन - प्रशासन का कोई नुमाइंदा अभी तक आंगनबाड़ी कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने नही आया है।
आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं ने सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की, उन्होंने बताया कि तीन प्रमुख मांगों के अलावा कुल 13 मांग है। इन मांगों को पूरा हुए बिना अनिश्चितकालीन धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। पूरे जिले से धरने में शामिल हुई लगभग 2 हजार महिला कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने शीघ्र ही हमारी मांगों को पूरा नही किया, तो भूख हड़ताल व रोड़ जाम किया जाएगा।
इस अवसर पर जिले की सभी आंगनबाड़ी कर्मचारी मौजूद रही। कुल मिलाकर मनोहर सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आशा वर्कर के बाद आंगनवाड़ी वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सरकार ने अगर महिला कर्मचारियों की मांगों को अमलीजामा नहीं पहनाया तो , एक नया विवाद खड़ा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
आंगनबाड़ी वर्कर,हेल्पर महिलाओं ने अपनी मांगों के संबंध में बताया कि सरकार सभी वर्कर,हेल्पर को नियमित करें, जब तक नियमित न हो तब तक 18000 रुपये वर्कर को मासिक वेतन देने का आदेश जारी करें, इसके अलावा हेल्पर को सरकारी कर्मचारियों के समान सारी सुविधा दी जाए, इसके अलावा सभी कर्मचारियों के लिए रिटायमेंट पालिशी के आदेश जारी किये जाएं ।
आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की जिला प्रधान वीरवती,ममता,रीता,नगीना खण्ड उप प्रधान जमशीदा, सलमा खानम आदि ने बताया कि सरकार हर विभाग के कर्मचारियों की मांगों को मान रही है।
आंगनबाड़ी कर्मचारियों की मांगों को निरन्तर झूठा भरोसा देकर भर्मित कर रही है। जमशीदा व सलमा ने बताया कि सरकार की हर योजना में आंगनबाड़ी वर्कर की अहम भागीदारी है। जिसको सरकार के आदेश पर बाखूबी निभाया जा रहा है। आंगनबाड़ी वर्करों का मिनी सचिवालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरने का मंगलवार को दूसरा दिन है। लेकिन शासन - प्रशासन का कोई नुमाइंदा अभी तक आंगनबाड़ी कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने नही आया है।
आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं ने सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की, उन्होंने बताया कि तीन प्रमुख मांगों के अलावा कुल 13 मांग है। इन मांगों को पूरा हुए बिना अनिश्चितकालीन धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। पूरे जिले से धरने में शामिल हुई लगभग 2 हजार महिला कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने शीघ्र ही हमारी मांगों को पूरा नही किया, तो भूख हड़ताल व रोड़ जाम किया जाएगा।
इस अवसर पर जिले की सभी आंगनबाड़ी कर्मचारी मौजूद रही। कुल मिलाकर मनोहर सरकार की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। आशा वर्कर के बाद आंगनवाड़ी वर्करों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। सरकार ने अगर महिला कर्मचारियों की मांगों को अमलीजामा नहीं पहनाया तो , एक नया विवाद खड़ा होने से इंकार नहीं किया जा सकता।
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