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अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई 18 अप्रैल को
अजमेर। पीसांगन प्रधान दिलीप प्रचार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर सुनवाई करने के लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण गर्ग ने अपने प्रतिनिधि के रुप में एडीएम को जिम्मेदारी सौंपी है। एसडीएम 18 अप्रैल को सुनवाई करेंगे। कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी और भाजपा सदस्यों की संख्या को देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव के पारित होने की संभावना कम है।
गुरुवार को पीसांगन पंस के 13 कांग्रेस सदस्यों ने प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था। शुक्रवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी गर्ग ने मामले की सुनवाई करने के लिए एसडीएम को नियुक्त किया है। नियमानुसार प्रकरण की सुनवाई एक माह के भीतर होनी चाहिए। इसी काे ध्यान में रख गर्ग ने मामले की सुनवाई की तारीख 18 अप्रैल तय की है। सदस्य नहीं माने तो होगी वोटिंग होगी। एसडीएम सदस्यों से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। एसडीएम सदस्य को समझाएंगे सदस्यों के नहीं मानने पर मतदान होेगा। इससे पहले केकड़ी पंस की प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो चुका है
कांग्रेस को करनी पड़ेगी मशक्कत, गुटबाजी के चलते प्रस्ताव पारित होने पर संशय
पीसांगन पंचायत समिति में सदस्यों की कुल संख्या 39 है। इसमें कांग्रेस और भाजपा के 18-18 सदस्य हैं। तीन निर्दलीय हैं। नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए तीन चौथाई सदस्य यानि 30 सदस्यों की आवश्यकता है। वर्तमान में पीसांगन प्रधान दिलीप पचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के टिकट से चुनाव जीते 13 पंचायत समिति सदस्यों ने जिला परिषद सीईओ अरूण गर्ग के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, यानी पांच सदस्यों ने हस्ताक्षर नहीं किए थे। अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान कांग्रेस का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के सभी 18 एक मत भी हो जाए तो भी 12 सदस्यों की आवश्यकता है। शेष सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस को मशक्कत करनी पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के सदस्य एकजुट रहते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा।
गुरुवार को पीसांगन पंस के 13 कांग्रेस सदस्यों ने प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया था। शुक्रवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारी गर्ग ने मामले की सुनवाई करने के लिए एसडीएम को नियुक्त किया है। नियमानुसार प्रकरण की सुनवाई एक माह के भीतर होनी चाहिए। इसी काे ध्यान में रख गर्ग ने मामले की सुनवाई की तारीख 18 अप्रैल तय की है। सदस्य नहीं माने तो होगी वोटिंग होगी। एसडीएम सदस्यों से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। एसडीएम सदस्य को समझाएंगे सदस्यों के नहीं मानने पर मतदान होेगा। इससे पहले केकड़ी पंस की प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो चुका है
कांग्रेस को करनी पड़ेगी मशक्कत, गुटबाजी के चलते प्रस्ताव पारित होने पर संशय
पीसांगन पंचायत समिति में सदस्यों की कुल संख्या 39 है। इसमें कांग्रेस और भाजपा के 18-18 सदस्य हैं। तीन निर्दलीय हैं। नियमानुसार अविश्वास प्रस्ताव पारित कराने के लिए तीन चौथाई सदस्य यानि 30 सदस्यों की आवश्यकता है। वर्तमान में पीसांगन प्रधान दिलीप पचार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के टिकट से चुनाव जीते 13 पंचायत समिति सदस्यों ने जिला परिषद सीईओ अरूण गर्ग के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, यानी पांच सदस्यों ने हस्ताक्षर नहीं किए थे। अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के दौरान कांग्रेस का कोई बड़ा नेता मौजूद नहीं था।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के सभी 18 एक मत भी हो जाए तो भी 12 सदस्यों की आवश्यकता है। शेष सदस्यों को अपने पक्ष में करने के लिए कांग्रेस को मशक्कत करनी पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि भाजपा के सदस्य एकजुट रहते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा।
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