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आईसीएआर के उपनिदेशक ने किया किसानों के खेतों का दौरा, देखा फर्स्ट प्रोजेक्ट
कैथल। अखिल
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईसीएआर ) डिप्टी डायरेक्टर डा. एके सिंह, असिस्टेंट
डिप्टी डायरेक्टर डा. वीपी सहित अन्य अधिकारियों के साथ गांव कठवाड़ के
खेतों का दौरा कर फार्मर फर्स्ट प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। इस प्रोजेक्ट
के तहत गांव कठवाड़ में पिछले एक साल से विशेष प्रोजेक्ट के तहत पानी की
समस्या का समाधान किया गया है। जिसमें 6 रिचार्ज बोर लगाकर यहां से बरसात
के पानी की को भूमि के नीचे भेजा जा रहा है।
भू-जल रिचार्ज हो जाए और यहां धरती पर खड़े रहने वाले पानी के कारण फसलों को नुकसान ना हो। सबसे पहले अधिकारियों की टीम ने गांव मूंदड़ी के किसान राजकुमार, कठवाड़ के किसान तरसेम सिंह के खेत में पहुंचे। इसके बाद गांव कठवाड़ के किसान चांदी के खेत में किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्था करनाल के वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी दी और बताया कि ढेड़ साल से यहां के किसानों को इसका काफी लाभ हुआ है।
किसानों ने 6 रिचार्ज बोर के अलावा ओर भी बोर लगवाए जाने की मांग की। डीडीजी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा किसानों से सीधा संपर्क करने के लिए इस तरह का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें फसल बीमा योजना, पराली की समस्या से निपटने सहित कई तरह की जानकारियो किसानों को दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गोबर सहित पराली जलाने की समस्या के समाधान के लिए भी आईसीएआर द्वारा कई योजनाएं चलाई हैं। किसानों से अपील है कि वे वैज्ञानिकों की सलाह के बिना अनावश्यक खाद या दवाएं अपनी फसलों में ना डालेें। इस अवसर पर सीएसएसआरआई के निदेशक डा. पीसी शर्मा, डा. परविंद्र सिंह श्योराण, कृषि उपनिदेशक डा. महावीर सिंह, डा. मुनीष वत्स, फार्मर फस्र्ट योजना के सदस्य प्रगतिशील किसान महेंद्र रसीना, जिला परिषद के उपाध्यक्ष मनीष कठवाड़, किसान प्यारे लाल, रामनाथ, मरसेम सिंह, शेर सिंह, रामफल ग्योंग, राजकुमार, चरण सिंह भी मौजूद थे।
भू-जल रिचार्ज हो जाए और यहां धरती पर खड़े रहने वाले पानी के कारण फसलों को नुकसान ना हो। सबसे पहले अधिकारियों की टीम ने गांव मूंदड़ी के किसान राजकुमार, कठवाड़ के किसान तरसेम सिंह के खेत में पहुंचे। इसके बाद गांव कठवाड़ के किसान चांदी के खेत में किसानों के साथ बातचीत की। इस दौरान मृदा एवं लवणता अनुसंधान संस्था करनाल के वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी दी और बताया कि ढेड़ साल से यहां के किसानों को इसका काफी लाभ हुआ है।
किसानों ने 6 रिचार्ज बोर के अलावा ओर भी बोर लगवाए जाने की मांग की। डीडीजी ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार द्वारा किसानों से सीधा संपर्क करने के लिए इस तरह का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें फसल बीमा योजना, पराली की समस्या से निपटने सहित कई तरह की जानकारियो किसानों को दी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गोबर सहित पराली जलाने की समस्या के समाधान के लिए भी आईसीएआर द्वारा कई योजनाएं चलाई हैं। किसानों से अपील है कि वे वैज्ञानिकों की सलाह के बिना अनावश्यक खाद या दवाएं अपनी फसलों में ना डालेें। इस अवसर पर सीएसएसआरआई के निदेशक डा. पीसी शर्मा, डा. परविंद्र सिंह श्योराण, कृषि उपनिदेशक डा. महावीर सिंह, डा. मुनीष वत्स, फार्मर फस्र्ट योजना के सदस्य प्रगतिशील किसान महेंद्र रसीना, जिला परिषद के उपाध्यक्ष मनीष कठवाड़, किसान प्यारे लाल, रामनाथ, मरसेम सिंह, शेर सिंह, रामफल ग्योंग, राजकुमार, चरण सिंह भी मौजूद थे।
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