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पुलिस की निष्क्रियता सें बिना आईडी प्रूफ धड़ल्ले से मिल रहे एक्टिवेटेड सिम

khaskhabar.com : सोमवार, 19 फ़रवरी 2018 11:46 AM (IST)
पुलिस की निष्क्रियता सें बिना आईडी प्रूफ धड़ल्ले से मिल रहे एक्टिवेटेड सिम
झांसी। नगर में एक्टिवेटेड सिम की बिक्री पर प्रशासन की तरफ से सख्ती से रोक लगाई गई है। इसके बाद भी धडल्ल़े से बिना आईडी के सिम आसानी से मिल रहे हैं। इन सिम के गलत इस्तेमाल की संभावना अधिक होती है। लेकिन पुलिस इसकी बिक्री पर रोक लगाने को लेकर गंभीर नजर नहीं आती।

महानगर के मानिक चौक, सदर बाजार, सीपरी बाजार, नगरा बाजार, खातीबाबा, पुलिया नम्बर नौ में चलने वाली मोबाइल की दुकानों में धड़ल्ले से एक्टिवेटेड सिम बेचे जा रहे हैं। आईडी प्रूफ पर जो सिम कार्ड 30- 35 रुपए में मिल रहे हैं, वही सिमकार्ड बगैर आईडी के 150 रुपए तक में मिल रहे हैं। लेकिन यह मोबाइल में लगाते ही काम करना शुरू कर देता है। कई सिम कार्ड में तरह- तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं। कम दाम में मिले सिम में उससे अधिक के टाकटाइम व डाटा मिल रहे हैं। इससे युवा एक सिम यूज कर फिर दूसरा सिम ले रहे हैं। किसी भी घटना की जांच की शुरुआत आजकल पुलिस मोबाइल नंबर से ही करती है। इसलिए अपराधी भी किसी से फिरौती मांगते या धमकाते समय खुद की आईडी वाले सिम का इस्तेमाल नहीं करते। किसी और व्यक्ति के नाम से सिम होने के कारण पुलिस असल अपराधी तक जल्दी पहुंच नहीं पाती। जांच की दिशा घुमाने के लिए अपराधी ऐसे ही नंबर से कॉल करना पसंद करते हैं। इसलिए प्रशासन की ओर से बिना आईडी के सिम कार्ड देने पर रोक है लेकिन सुरक्षा कारणों की परवाह किए बिना दुकानदार अपने लाभ के लिए धड़ल्ले से ऐसे सिम बेच रहे हैं. मालूम हो कि पुलिस की असक्रियता के कारण यह कारोबार फलफूल रहा है।

सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों द्वारा अधिक सिम बेचने पर इनाम के लालच में दुकानदार लोगों की सुरक्षा के साथ बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं और इससे अपराधी पुलिस की गिरफ्त से दूर हो रहे हैं। कुछ सिम विक्रेताओं ने बताया कि हम लोग प्रतिस्पर्धा के कारण दूसरे के परिचय-पत्र पर सिम दे देते हैं। एक उपभोक्ता के वास्तविक परिचय-पत्र का कई बार उपयोग किया जा रहा है। इसके पीछे मोबाइल कंपनियां जिम्मेदार हैं, क्योंकि वे नई सिम पर उसकी कीमत से अधिक बैलेंस दे रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि बाजार में सहज ही फर्जी सिम मिल रही है। लोग अब फोन आने के लिए स्थाई सिम रखते हैं और फोन करने के लिए सिम बदलते हैं। बिना पहचान पत्र के मिलने वाली सिमो के कारण महिलाओं, युवतियों के साथ गाली-गलौच की जा रही है। सिम नंबर की शिकायत के बाद जिसकी आईडी लगी है उस पर कार्रवाई की जाती है जबकि दुकानदार पर कार्रवाई होनी चाहिए।

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