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इलाहाबाद में खिला कमल, 28000 वोटों से जीती अभिलाषा गुप्ता
अमरीष मनीष शुक्ल,इलाहाबाद। यूपी नगर निकाय चुनाव में सबसे वीआईपी और तीन मंत्रियों की साख वाली सीट
इलाहाबाद पर कमल खिल गया है। बीजेपी प्रत्याशी अभिलाषा गुप्ता ने 28000
वोटों से जीत हासिल की है। हालांकि आधिकारिक रूप से अभी इसका ऐलान होना
बाकी है, लेकिन आखिरी रुझान के बाद जारी आंकड़े में अभिलाषा जीत चुकी हैं।
कैबिनेट मिनिस्टर नंद गोपाल गुप्ता की पत्नी अभिलाषा गुप्ता निर्वतमान
मेयर थी और इस जीत के बाद एक बार फिर से वह मेयर का पदभार संभालेंगी।
यूपी विधानसभा चुनाव में कमल खिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के लिये यह चुनाव एक अग्नि परीक्षा की तरह है और सही मायने में लोकसभा चुनाव ट्रायल हो रहा है। अपनी पहली अग्नि परीक्षा में योगी आदित्यनाथ कम से कम संगमनगरी में तो सफल हो ही गये हैं। अभिलाषा गुप्ता के प्रचार के लिये आखिरी समय में खुद योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद आना पडा था और अलग से बैठक बुलाकर नाराज लोगों से मुलाकात की थी। योगी की रणनीति यहां पूरी तरह सफल हुई और आखिरी समय में उनकी गोट ने बाजी पूरी तरह बीजेपी कैंडीडेट के पक्ष में कर दी।
मेयर पद की तरह पार्षद पदों पर भी बीजेपी कैंडीडेट आगे हैं और अधिकांश सीटें भाजपा के खाते में हैं। परन्तु अप्रत्याशित रूप से इस चुनाव में बसपा ने वापसी की हैंं और सपा कांग्रेस के साथ कयी सीटें जीतकर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करा रही है।
बता दे कि सुबह जारी हुई मतगणना में शुरू से ही बढत बना रखी थी। लेकिन सपा- बसपा और कांग्रेस अभिलाषा के नजदीक भी नहीं दिखायी पड़ी । हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी विजय मिश्रा कयी मौके पर अंतिम लडाई की ओर रहे लेकिन शहर पश्चिमी में गिनती शुरू होने के बाद वह भी लगातार पिछड़ते गये। मेयर पद पर बडे दलों में सबसे कमजोर स्थिति बसपा की रही, जबकि तीसरे नंबर पर सपा के विनोद चंद दूबे रहे है।
सबसे अहम बात की अभिलाषा गुप्ता को टिकट दिये जाने से पहले जमकर रार हुई थी। दो मंत्रियों के गुट में तलवार खिंची थी तो पुराने नेता ने पार्टी तक छोड दी थी। गुटबाजी, बगावत और समीकरणों के बीच फिलहाल अभिलाषा की जीत को अब बडे स्तर पर भुनाया जायेगा। इस जीत के साथ ही कयी दल छोडकर आये नंद गोपाल गुप्ता नंदी का कद अब भाजपा और मजबूत होगा।
यूपी विधानसभा चुनाव में कमल खिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के लिये यह चुनाव एक अग्नि परीक्षा की तरह है और सही मायने में लोकसभा चुनाव ट्रायल हो रहा है। अपनी पहली अग्नि परीक्षा में योगी आदित्यनाथ कम से कम संगमनगरी में तो सफल हो ही गये हैं। अभिलाषा गुप्ता के प्रचार के लिये आखिरी समय में खुद योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद आना पडा था और अलग से बैठक बुलाकर नाराज लोगों से मुलाकात की थी। योगी की रणनीति यहां पूरी तरह सफल हुई और आखिरी समय में उनकी गोट ने बाजी पूरी तरह बीजेपी कैंडीडेट के पक्ष में कर दी।
मेयर पद की तरह पार्षद पदों पर भी बीजेपी कैंडीडेट आगे हैं और अधिकांश सीटें भाजपा के खाते में हैं। परन्तु अप्रत्याशित रूप से इस चुनाव में बसपा ने वापसी की हैंं और सपा कांग्रेस के साथ कयी सीटें जीतकर अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज करा रही है।
बता दे कि सुबह जारी हुई मतगणना में शुरू से ही बढत बना रखी थी। लेकिन सपा- बसपा और कांग्रेस अभिलाषा के नजदीक भी नहीं दिखायी पड़ी । हालांकि कांग्रेस प्रत्याशी विजय मिश्रा कयी मौके पर अंतिम लडाई की ओर रहे लेकिन शहर पश्चिमी में गिनती शुरू होने के बाद वह भी लगातार पिछड़ते गये। मेयर पद पर बडे दलों में सबसे कमजोर स्थिति बसपा की रही, जबकि तीसरे नंबर पर सपा के विनोद चंद दूबे रहे है।
सबसे अहम बात की अभिलाषा गुप्ता को टिकट दिये जाने से पहले जमकर रार हुई थी। दो मंत्रियों के गुट में तलवार खिंची थी तो पुराने नेता ने पार्टी तक छोड दी थी। गुटबाजी, बगावत और समीकरणों के बीच फिलहाल अभिलाषा की जीत को अब बडे स्तर पर भुनाया जायेगा। इस जीत के साथ ही कयी दल छोडकर आये नंद गोपाल गुप्ता नंदी का कद अब भाजपा और मजबूत होगा।
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