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खान महाघूसकांड से सबसे बड़ा तेल चोरी कांड, सरकार में मचा हड़कंप
जयपुर/जैसलमेर। राजस्थान में खान महाघूसकांड से सबसे बड़ा कांड उजागर हुआ है, यह है तेल चोरी का। पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी तेल चोरी का खुलासा करते हुए गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह पानी के टैंकरों के जरिए कच्चे तेल की स्मगलिंग कर रहे थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह गिरोह अब तक कथित तौर पर 5 करोड लीटर कच्चे तेल की चोरी को अंजाम दे चुका है। यह चोरी राजस्थान के बाडमेर स्थित केयर्न इंडिया तेल क्षेत्र से की गई है। यह गिरोह पिछले 4-5 सालों से तेल चोरी की वारदात को अंजाम दे रहा था लेकिन किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। लेकिन अब इसका खुलासा होते ही राज्य सरकार में हड़कंप मच गया है। खान एवं पेट्रोलियम विभाग की तरफ से इस मामले की जांच के लिए संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की कमेटी का गठन किया जा रहा है। जो इस सबसे बड़ी तेल चोरी कांड की जांच करेगी।
बताया जा रहा है कि अब तक करीब 45-50 करोड रुपए का तेल चुराया जा चुका है। पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करने के साथ ही जालोर में 3 अवैध फैक्ट्रियों की भी पहचान की है जहां पर चुराया गया तेल भेजा जाता था। यहां से यह तेल गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली को ट्रांसपोर्ट किया जाता था। पुलिस ने इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि इस रैकेट को करीब 100 से ज्यादा लोग चला रहे थे, इनमें कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि यह गिरोह हर साल करीब 1 करोड रुपए कीमत का तेल चुरा रहा था। पुलिस ने तेल की स्मगलिंग में इस्तेमाल किए जा रहे करीब 33 टैंकर्स को जब्त किया है।
ऐसे हुआ खुलासा:
यह तेल चोरी काफी समय से हो रही थी। जब कंपनी को गडबडी की आशंका हुई तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच के दौरान तेल चोरी के रैकेट का पता चला। पुलिस का कहना है कि तेल-अन्वेषण के दौरान डंपिंग साइट पर निकले सह-उत्पाद पानी को ले जाने के लिए कुछ ड्राइवरों को अधिकृत किया जाता है लेकिन ड्राइवर्स टैंकरों में पानी के बजाए तेल भरकर ले जा रहे थे। पानी के टैंकर्स में तेल ले जाने के दौरान वे जीपीएस को बंद कर देते थे, जिससे कि उन्हें ट्रैक ना किया जा सके।
बताया जा रहा है कि अब तक करीब 45-50 करोड रुपए का तेल चुराया जा चुका है। पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करने के साथ ही जालोर में 3 अवैध फैक्ट्रियों की भी पहचान की है जहां पर चुराया गया तेल भेजा जाता था। यहां से यह तेल गुजरात, पश्चिम बंगाल और दिल्ली को ट्रांसपोर्ट किया जाता था। पुलिस ने इस मामले में अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि इस रैकेट को करीब 100 से ज्यादा लोग चला रहे थे, इनमें कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि यह गिरोह हर साल करीब 1 करोड रुपए कीमत का तेल चुरा रहा था। पुलिस ने तेल की स्मगलिंग में इस्तेमाल किए जा रहे करीब 33 टैंकर्स को जब्त किया है।
ऐसे हुआ खुलासा:
यह तेल चोरी काफी समय से हो रही थी। जब कंपनी को गडबडी की आशंका हुई तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस जांच के दौरान तेल चोरी के रैकेट का पता चला। पुलिस का कहना है कि तेल-अन्वेषण के दौरान डंपिंग साइट पर निकले सह-उत्पाद पानी को ले जाने के लिए कुछ ड्राइवरों को अधिकृत किया जाता है लेकिन ड्राइवर्स टैंकरों में पानी के बजाए तेल भरकर ले जा रहे थे। पानी के टैंकर्स में तेल ले जाने के दौरान वे जीपीएस को बंद कर देते थे, जिससे कि उन्हें ट्रैक ना किया जा सके।
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