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टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट में होते हैं मलेरिया-रोधी तत्व
लंदन। लंदन में हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटरजेंट में एक ऐसा तत्व पाया जाता है, जो मलेरिया के कीटाणुओं से लडऩे में सक्षम है। रोबोट वैज्ञानिक ईव की अगुआई में हुए शोध के मुताबिक, टूथपेस्ट में पाया जाने वाला ट्राइक्लोजन नामक तत्व मलेरिया परजीवी विशेषकर डीएचएफआर नामक एक एंजाइम पर हमला कर उसकी वृद्धि को रोकता है।
मलेरियारोधी दवाई पिरिमेथामाइन मुख्यत: डीएचईआर पर हमला करती है। अफ्रीका में इस दवाई का मलेरिया परजीवियों पर सामान्य असर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने साबित किया कि ट्राइक्लोजन मलेरिया के उन परजीवियों पर भी कारगर साबित हुआ जो पिरिमेथामाइन से लडऩे में सक्षम थे।
ब्राजील स्थित विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और मुख लेखक एलिजाबेथ बिल्सलैंड ने साइंटिफिक रिपोट्र्स नामक एक अखबार से कहा कि रोबोट वैज्ञानिक ईव की खोज कि ट्राइक्लोजन मलेरिया से लडऩे में सक्षम है, के बाद हमें यह उम्मीद जागी है कि इसे विकसित कर एक नई दवाई बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यह एक सुरक्षित यौगिक है और मलेरिया परजीवियों के जीवनचक्र के दो बिंदुओं पर हमला करने की इसकी क्षमता से पता चलता है कि मलेरिया परजीवी के लिए इसका प्रतिरोध करना मुश्किल हो जाएगा।
मलेरियारोधी दवाई पिरिमेथामाइन मुख्यत: डीएचईआर पर हमला करती है। अफ्रीका में इस दवाई का मलेरिया परजीवियों पर सामान्य असर पड़ता है। शोधकर्ताओं ने साबित किया कि ट्राइक्लोजन मलेरिया के उन परजीवियों पर भी कारगर साबित हुआ जो पिरिमेथामाइन से लडऩे में सक्षम थे।
ब्राजील स्थित विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और मुख लेखक एलिजाबेथ बिल्सलैंड ने साइंटिफिक रिपोट्र्स नामक एक अखबार से कहा कि रोबोट वैज्ञानिक ईव की खोज कि ट्राइक्लोजन मलेरिया से लडऩे में सक्षम है, के बाद हमें यह उम्मीद जागी है कि इसे विकसित कर एक नई दवाई बनाई जा सकती है।
उन्होंने कहा कि यह एक सुरक्षित यौगिक है और मलेरिया परजीवियों के जीवनचक्र के दो बिंदुओं पर हमला करने की इसकी क्षमता से पता चलता है कि मलेरिया परजीवी के लिए इसका प्रतिरोध करना मुश्किल हो जाएगा।
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