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बेटियों का ज्यादा ध्यान रखते हैं पिता, बेटों की करते हैं उपेक्षा
हाल ही में अमेरिका के वाशिंगटन में वैज्ञानिकों द्वारा एक शोध किया गया, जिसमें पता चलता है कि पिता बेटियों के प्रति ज्यादा भावुक होते हैं। वे अपनी बेटी का रोना बर्दाश्त नहीं कर पाते, उसके रोने की आवाज सुनते ही वे बेचैन हो जाते हैं। प्रमुख शोधकर्ता अमेरिका के एमोरी विश्वविद्यालय के डॉ. जेनिफर मस्कारो ने कहा कि बच्चे के रोने पर बेटी के पिता सबसे पहले ध्यान देते हैं। पिता अपनी बेटियों के बारे में बात करते हुए सबसे ज्यादा भावुक होते हैं और अकेला महसूस करते हैं।
हालांकि पिता का ऐसा व्यवहार बढने पर बेटे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर पिता अपने बेटे से ज्यादा रूखा व्यवहार करेंगे और उसके साथ जुडाव महसूस नहीं करेंगे तो बेटा उनसे दूर हो सकता है। विशेषज्ञों ने पिता के तीन व्यवहार उदासीन, खुश और दुख पर गहन शोध किया। विशेषज्ञों ने देखा कि अधिकतर पिता अपने बेटों के प्रति उदासीन दिखे।
हालांकि पिता का ऐसा व्यवहार बढने पर बेटे के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर पिता अपने बेटे से ज्यादा रूखा व्यवहार करेंगे और उसके साथ जुडाव महसूस नहीं करेंगे तो बेटा उनसे दूर हो सकता है। विशेषज्ञों ने पिता के तीन व्यवहार उदासीन, खुश और दुख पर गहन शोध किया। विशेषज्ञों ने देखा कि अधिकतर पिता अपने बेटों के प्रति उदासीन दिखे।
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