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सीकर सीएमएचओ से डॉक्टरों ने की हाथापाई, पीएमओ हुए बेहोश
सीकर। जिला मुख्यालय स्थित एसके अस्पताल में दो-तीन दिन से चल रहा विवाद मारपीट तक पहुंच गया। नशा मुक्ति रैली के दौरान हरी झंडी दिखाते समय जिला एसके अस्पताल के डॉक्टर सीएमएचओ डॉ. विष्णु मीणा से उलझ गए। डॉक्टरों ने मीणा से हाथापाई कर दी और कार्यक्रम में आने पर सवाल उठाए।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले अस्पताल में डॉक्टरों से मरीजों के परिजनों ने मारपीट कर दी थी। इससे वे नाराज थे। हंगामे के दौरान विधायक रतनलाल जलधारी व डिप्टी कंट्रोलर डॉ. हरिसिंह ने सीएमएचओ व डॉक्टरों में बीच-बचाव किया। बाद में रैली को रवाना कराया गया। इस दौरान पीएमओ डॉ. एसके शर्मा गश खाकर गिर गए और बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
हड़ताल पर गए डॉक्टर
मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा की गई मारपीट की घटना से गुस्साए डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी थी। बाद में आरोपियों की गिरफ्तार के बाद डॉक्टर काम पर लौट आए।
यह था मामला
गौरतलब है कि सीकर निवासी श्रवण कुमार की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे एसके अस्पताल लाए। परिजनों ने बताया कि पहले तो चिकित्सरक ही नहीं मिले। बाद में एक चिकित्सक ने कंपाउडर के पास ले जाने की बात कही और श्रवण कुमार को देखा नहीं। डॉक्टर बहस में उलझा रहा। इस दौरान दौरान श्रवण कुमार की मौत हो गई थी। मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के खिलाफ नारेबाजी की और बाद में धक्की -मुक्कीी कर दी थी। इस पर दोनों पक्षों की ओर से कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया गया था। शुक्रवार सुबह तक मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर डॉक्टर फिर से हड़ताल पर चले गए। इस दौरान एसके अस्पताल पहुंचे सीएमएचओ और डॉक्टरों के बीच बहस हो गई, जो हाथापाई में बदल गई।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले अस्पताल में डॉक्टरों से मरीजों के परिजनों ने मारपीट कर दी थी। इससे वे नाराज थे। हंगामे के दौरान विधायक रतनलाल जलधारी व डिप्टी कंट्रोलर डॉ. हरिसिंह ने सीएमएचओ व डॉक्टरों में बीच-बचाव किया। बाद में रैली को रवाना कराया गया। इस दौरान पीएमओ डॉ. एसके शर्मा गश खाकर गिर गए और बेहोश हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया।
हड़ताल पर गए डॉक्टर
मरीज की मौत के बाद परिजनों द्वारा की गई मारपीट की घटना से गुस्साए डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी थी। बाद में आरोपियों की गिरफ्तार के बाद डॉक्टर काम पर लौट आए।
यह था मामला
गौरतलब है कि सीकर निवासी श्रवण कुमार की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे एसके अस्पताल लाए। परिजनों ने बताया कि पहले तो चिकित्सरक ही नहीं मिले। बाद में एक चिकित्सक ने कंपाउडर के पास ले जाने की बात कही और श्रवण कुमार को देखा नहीं। डॉक्टर बहस में उलझा रहा। इस दौरान दौरान श्रवण कुमार की मौत हो गई थी। मरीज की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने चिकित्सक के खिलाफ नारेबाजी की और बाद में धक्की -मुक्कीी कर दी थी। इस पर दोनों पक्षों की ओर से कोतवाली थाने में मामला दर्ज करवाया गया था। शुक्रवार सुबह तक मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर डॉक्टर फिर से हड़ताल पर चले गए। इस दौरान एसके अस्पताल पहुंचे सीएमएचओ और डॉक्टरों के बीच बहस हो गई, जो हाथापाई में बदल गई।
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