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5 हजार रु. में तारबंदी लांघकर पाकिस्तान से आए हसन को CID ने पकड़ा
जैसलमेर। भारत-पाक सीमा पर तारबंदी और कड़ी चौकसी के बावजूद 35 साल पहले अवैध रूप से पाकिस्तान गया व्यक्ति मात्र पांच हज़ार रुपये में तारबंदी को पारकर अब लौट आया है। करीब 4 माह पहले लौटा यह व्यक्ति जैसलमेर से गुजरात और महाराष्ट्र चला गया। वह सोमवार को ही जैसलमेर पहुंचा था, तभी CID BI की टीम ने उसको पकड़ लिया। पूछताछ के बाद अधिकारी भी चौंक गए।
अधिकारियों का मानना है कि ऐसे तो आतंकी भी बहुत आसानी से पाकिस्तान से भारत आ सकते हैं। यहां तक कि अधिकारियों ने BSF को सतर्क और सुरक्षा घेरा कड़ा करने की नसीहत तक दी है। जबकि आतंकी तो भारत में तबाही मचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के लिए तैयार रहते हैं। पकड़ा गया हसन खान पुत्र पीरू खान उम्र 55 वर्ष जैसलमेर की सियालों की बस्ती का निवासी है।
प्राथमिक पूछताछ में उसने बताया कि 35 साल की उम्र में वह पाकिस्तान अवैध रूप से सीमा पार कर गया था। पाकिस्तान के अमरकोट स्थित खंदारों में उसकी बहन व बहनोई रहते हैं। बहनोई बीमार था, इसलिए उससे मिलने चला गया था। वहां उनकी खेती संभालने लगा। इतने वर्षों बाद भारत में मां-बाप के बीमार होने की सूचना मिली तो 4 माह पहले ही वह लौटा था। वह तारबंदी को महज 5 हज़ार देकर ही लांघ आया था। ऐसे वहां कई गिरोह हैं जो 5 हज़ार में आपको तारबंदी पार करवाते हैं। अब हसन को JIC के सुपुर्द किया गया है जहां से उससे और भी कई खुलासे होने की संभावना है।
अधिकारियों का मानना है कि ऐसे तो आतंकी भी बहुत आसानी से पाकिस्तान से भारत आ सकते हैं। यहां तक कि अधिकारियों ने BSF को सतर्क और सुरक्षा घेरा कड़ा करने की नसीहत तक दी है। जबकि आतंकी तो भारत में तबाही मचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने के लिए तैयार रहते हैं। पकड़ा गया हसन खान पुत्र पीरू खान उम्र 55 वर्ष जैसलमेर की सियालों की बस्ती का निवासी है।
प्राथमिक पूछताछ में उसने बताया कि 35 साल की उम्र में वह पाकिस्तान अवैध रूप से सीमा पार कर गया था। पाकिस्तान के अमरकोट स्थित खंदारों में उसकी बहन व बहनोई रहते हैं। बहनोई बीमार था, इसलिए उससे मिलने चला गया था। वहां उनकी खेती संभालने लगा। इतने वर्षों बाद भारत में मां-बाप के बीमार होने की सूचना मिली तो 4 माह पहले ही वह लौटा था। वह तारबंदी को महज 5 हज़ार देकर ही लांघ आया था। ऐसे वहां कई गिरोह हैं जो 5 हज़ार में आपको तारबंदी पार करवाते हैं। अब हसन को JIC के सुपुर्द किया गया है जहां से उससे और भी कई खुलासे होने की संभावना है।
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