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ब्लू व्हेल चैलेंज गेम ने नौवीं के छात्र को पिला दिया लाइजोल
अमृतसर। ब्लू व्हेल चैलेंज गेम की गिरफ्त में आए नौवीं कक्षा के छात्र ने आत्महत्या करने का प्रयास किया, गनीमत रही कि घर वालों ने उसे शीघ्र ही संभाल लिया। खुद की जान देने की कोशिश की। एडमिन के निर्देश पर 14 वर्षीय बच्चे ने लाइजोल (बाथरूम की सफाई में प्रयुक्त होने वाला पदार्थ) पी लिया। उसकी खुशकिस्मती थी कि परिजन उसे शीघ्र अस्पताल ले गए। इस कारण उसकी जान बच गई।
अमृतसर में ब्लू व्हेल गेम की गिरफ्त में आने वाला यह दूसरा मामला है। शहर के एक संभ्रांत परिवार के 14 वर्षीय किशोर ब्लू व्हेल गेम के अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया। उसके परिजन बताते हैं कि वह लैपटॉप से चिपका रहता था। रात के समय छत पर टहलने निकल जाता, खुद से ही बातें करने लगता और परिवार के बीच बैठने में संकोच करने लगा था।
उन्होंने ब्लू व्हेल गेम के बारे में पढ़ रखा था, इसलिए उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। उसकी कलाई को भी बार-बार देखा जा रहा था कि कहीं उसने कट तो नहीं लगाए। पहले तो उन्हें लगा कि उसका स्वभाव उम्र के कारण बदल रहा है, लेकिन उनका यह अनुमान गलत निकला। इसी सप्ताह उसने बाथरूम में रखी लाइजोल गटक ली। वह अपने कमरे में पहुंचा और बेसुध होकर बिस्तर पर लेट गया। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उसे तुरंत डॉक्टर के पास लाया गया, यहां काफी मशक्कत के बाद उसे बचाया जा सका।
उसके ठीक होने पर लाइजोल पीने का कारण पूछा तो उसने ब्लू व्हेल गेम खेलने की बात बताई। उसने कहा कि गेम एडमिन के कहने पर ही लाइजोल पी लिया था। बच्चे ने बताया कि एडमिन का हर आदेश मानना मजबूरी बन गया। वह उसे डराता था कि अगर उसकी बात नहीं मानीं तो उसके परिवार को नुकसान पहुंचाएगा। वह एक महीने से गेम खेल रहा था।
उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने उसे सामान्य स्थिति लाने के लिए कुछ दवाएं दी हैं। गेम की मायावी दुनिया से दूर रखने के लिए निरंतर काउंसलिंग की जा रही है। परिवार वालों को स्पष्ट कहा गया है कि उसे मोबाइल, कंप्यूटर व लैपटॉप से दूर रखें।
अमृतसर में ब्लू व्हेल गेम की गिरफ्त में आने वाला यह दूसरा मामला है। शहर के एक संभ्रांत परिवार के 14 वर्षीय किशोर ब्लू व्हेल गेम के अंतिम पड़ाव तक पहुंच गया। उसके परिजन बताते हैं कि वह लैपटॉप से चिपका रहता था। रात के समय छत पर टहलने निकल जाता, खुद से ही बातें करने लगता और परिवार के बीच बैठने में संकोच करने लगा था।
उन्होंने ब्लू व्हेल गेम के बारे में पढ़ रखा था, इसलिए उस पर नजर रखनी शुरू कर दी। उसकी कलाई को भी बार-बार देखा जा रहा था कि कहीं उसने कट तो नहीं लगाए। पहले तो उन्हें लगा कि उसका स्वभाव उम्र के कारण बदल रहा है, लेकिन उनका यह अनुमान गलत निकला। इसी सप्ताह उसने बाथरूम में रखी लाइजोल गटक ली। वह अपने कमरे में पहुंचा और बेसुध होकर बिस्तर पर लेट गया। उसके मुंह से झाग निकल रहा था। उसे तुरंत डॉक्टर के पास लाया गया, यहां काफी मशक्कत के बाद उसे बचाया जा सका।
उसके ठीक होने पर लाइजोल पीने का कारण पूछा तो उसने ब्लू व्हेल गेम खेलने की बात बताई। उसने कहा कि गेम एडमिन के कहने पर ही लाइजोल पी लिया था। बच्चे ने बताया कि एडमिन का हर आदेश मानना मजबूरी बन गया। वह उसे डराता था कि अगर उसकी बात नहीं मानीं तो उसके परिवार को नुकसान पहुंचाएगा। वह एक महीने से गेम खेल रहा था।
उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाया गया। डॉक्टर ने उसे सामान्य स्थिति लाने के लिए कुछ दवाएं दी हैं। गेम की मायावी दुनिया से दूर रखने के लिए निरंतर काउंसलिंग की जा रही है। परिवार वालों को स्पष्ट कहा गया है कि उसे मोबाइल, कंप्यूटर व लैपटॉप से दूर रखें।
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