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नेहा को इस बात के अलावा किसी और का अफसोस नहीं
शिलांग। आज से लगभग 17 साल पहले नेहा धूपिया जब दिल्ली छोडक़र सपनों की नगरी मुंबई (तब बम्बई) गई थीं तो उनके पिता को लगता था कि वह जल्द ही वापस लौट आएंगी। नेहा हालांकि अपने लंबे करियर के लिए खुद को भाग्यशाली मानती हैं लेकिन वह और भी बहुत कुछ करना चाहती हैं।
नेहा ने 1994 में मलयालम फिल्म ‘मिन्नरम’ से पर्दे पर पदार्पण किया। इसके बाद साल 2002 में उन्होंने फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीता और इसके एक साल बाद उन्होंने फिल्म ‘कयामत : सिटी अंडर थ्रेट’ से बॉलीवुड में कदम रखा।
उनके करियर के बारे में पूछे जाने पर नेहा ने आईएएनएस से कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि मेरा करियर है। मुझे याद है जब मैं 20 साल की थी और अपनी जिंदगी बनाने मुंबई आई थी, मेरे पिता ने मेरी टिकट बुक की थी और मुझसे कहा था कि मुझे लगता है कि तुम तीन महीने में लौट आओगी। तुम एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती हो।’’
नेहा ने कहा कि उनके पास अब भी वह टिकट मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 17 सालों से यहां (मुंबई) में हूं।’’
अभिनेत्री (37) ने कहा कि एक व्यक्ति के तौर पर आज उन्हें खुद पर कहीं ज्यादा भरोसा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में जो भी फैसले लिए मैं उन्हें लेकर खुश हूं। मैं खुश हूं कि मेरे पास विकल्प मौजूद हैं और मैंने एक ऐसे शहर में जिंदगी बना ली जहां मैं पहले कभी नहीं गई थी। क्या मैं संतुष्ट हूं..? नहीं। मैं हमेशा और ज्यादा करना चाहती हूं। यही फर्क है। खुशियां बॉक्स ऑफिस, आपकी कमाई या छवि से परिभाषित नहीं होती क्योंकि आप प्रतिदिन बेहतर करने के लिए संघर्षरत रहते हैं।’’
नेहा ने 1994 में मलयालम फिल्म ‘मिन्नरम’ से पर्दे पर पदार्पण किया। इसके बाद साल 2002 में उन्होंने फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीता और इसके एक साल बाद उन्होंने फिल्म ‘कयामत : सिटी अंडर थ्रेट’ से बॉलीवुड में कदम रखा।
उनके करियर के बारे में पूछे जाने पर नेहा ने आईएएनएस से कहा, ‘‘मैं खुश हूं कि मेरा करियर है। मुझे याद है जब मैं 20 साल की थी और अपनी जिंदगी बनाने मुंबई आई थी, मेरे पिता ने मेरी टिकट बुक की थी और मुझसे कहा था कि मुझे लगता है कि तुम तीन महीने में लौट आओगी। तुम एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती हो।’’
नेहा ने कहा कि उनके पास अब भी वह टिकट मौजूद है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं पिछले 17 सालों से यहां (मुंबई) में हूं।’’
अभिनेत्री (37) ने कहा कि एक व्यक्ति के तौर पर आज उन्हें खुद पर कहीं ज्यादा भरोसा है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में जो भी फैसले लिए मैं उन्हें लेकर खुश हूं। मैं खुश हूं कि मेरे पास विकल्प मौजूद हैं और मैंने एक ऐसे शहर में जिंदगी बना ली जहां मैं पहले कभी नहीं गई थी। क्या मैं संतुष्ट हूं..? नहीं। मैं हमेशा और ज्यादा करना चाहती हूं। यही फर्क है। खुशियां बॉक्स ऑफिस, आपकी कमाई या छवि से परिभाषित नहीं होती क्योंकि आप प्रतिदिन बेहतर करने के लिए संघर्षरत रहते हैं।’’
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