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कमजोर लड़कियां ही करती हैं ‘पर्दे’ पर दिखने के लिए समझौता
इंदौर। समाज में एक धारणा पूरी तरह घर कर चुकी है कि रुपहले पर्दे और छोटे पर्दे पर जगह बनाने के लिए युवतियों को समझौते करने पड़ते हैं। यह बात गाहे-बगाहे सामने भी आती रही हैं, मगर कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों, चैनलों में शो कर चुकी फ्रेइशिया बी इससे असहमत हैं। उनका कहना है कि कमजोर लड़कियां, जो अपने काम में दक्ष नहीं होतीं वे ही समझौता करती हैं, मगर उन्हें सफलता नहीं मिलती।
इंदौर में टेडेक्स द्वारा नवाचार के पैरोकारों को एक मंच देने के मकसद से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई फ्रेइशिया ने आईएएनएस के साथ फिल्मी दुनिया से लेकर समाज के मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। वे अब तक चार अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के अलावा कंपनियों के 100 से ज्यादा कार्यक्रमों और यूट्यूब, एनडीटीवी आदि टीवी चैनल के व्यावसायिक कार्यक्रमों का संचालन कर चुकी हैं। इस दौरान उन्हें शाहरुख खान, ऋतिक रोशन, सैफ अली खान, करीना कपूर जैसे बॉलीवुड के कलाकारों के साथ मंच साझा करने का मौका मिला।
समाज में नई महिला कलाकारों के साथ बॉलीवुड में शोषण की धारणा के सवाल पर फ्रेइशिया ने कहा, ‘‘यह सब कुछ आप पर निर्भर है, आप ‘हैशटैग जस्ट से नो’ या ‘हैशटैग मी टू’ कर सकते हैं। अगर आप स्वयं अपना शोषण कराना चाहते हैं तो कराईए मगर बाद में शोषण की बात मत कहिए। इस क्षेत्र में गॉड फॉदर या अपने को दांव पर लगाकर आप इंडस्ट्री में प्रवेश तो कर सकते हैं, मगर स्थान नहीं बना सकते। उसके लिए तो आपके भीतर संघर्ष करने की क्षमता और एक कलाकार का होना जरूरी है।’’
इंदौर में टेडेक्स द्वारा नवाचार के पैरोकारों को एक मंच देने के मकसद से आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने आई फ्रेइशिया ने आईएएनएस के साथ फिल्मी दुनिया से लेकर समाज के मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। वे अब तक चार अंतर्राष्ट्रीय फिल्मों के अलावा कंपनियों के 100 से ज्यादा कार्यक्रमों और यूट्यूब, एनडीटीवी आदि टीवी चैनल के व्यावसायिक कार्यक्रमों का संचालन कर चुकी हैं। इस दौरान उन्हें शाहरुख खान, ऋतिक रोशन, सैफ अली खान, करीना कपूर जैसे बॉलीवुड के कलाकारों के साथ मंच साझा करने का मौका मिला।
समाज में नई महिला कलाकारों के साथ बॉलीवुड में शोषण की धारणा के सवाल पर फ्रेइशिया ने कहा, ‘‘यह सब कुछ आप पर निर्भर है, आप ‘हैशटैग जस्ट से नो’ या ‘हैशटैग मी टू’ कर सकते हैं। अगर आप स्वयं अपना शोषण कराना चाहते हैं तो कराईए मगर बाद में शोषण की बात मत कहिए। इस क्षेत्र में गॉड फॉदर या अपने को दांव पर लगाकर आप इंडस्ट्री में प्रवेश तो कर सकते हैं, मगर स्थान नहीं बना सकते। उसके लिए तो आपके भीतर संघर्ष करने की क्षमता और एक कलाकार का होना जरूरी है।’’
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