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महाशिवरात्रि एक हिन्दू त्योहार है जो हर साल भगवान शिव के भक्तों द्वारा मनाया जाता है। महाशिव रात्रि अपने आप में विशेषकर पुण्यदायक साधना पर्व है क्योंकि शिव
वही है, जिन्होंने रावण को अटूट बल दिया। मार्कण्डेय को अपना कर यमराज से
मुक्ति दिलवाई। परशुराम को बलशाली बनाया और समस्त दीन-दुखियों, दरिद्र
प्राणियों, संकटग्रस्त जीवों, लावारिसों आदि समस्त प्राणियों के जीवन की
रक्षा कर उन्हें समृद्ध बनाते हैं।
शिव का अर्थ मंगलमय और मंगलदाता है। शिव के इस मंगलमय रूप की उपासना समस्त जातकों, सिद्धों और साधकों के लिए मंगलमय है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधुओं को मोक्ष प्राप्ति, रोगियों को रोगों से मुक्ति, सभी साधकों को मनवांछित फल प्राप्ति होती है। भगवान शिव की पूजा गृहस्थ जातकों के लिए जरूरी कही जा सकती है। इस दिन पूजा करने से गृहस्थ जीवन में चल रहा मतभेद, पूर्व गृहस्थ सुख, अखंड सौभाग्य की प्राप्ति आदि शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भगवान शिव कई रूपों में जातक की मनोकामना पूरी करते है। वहीं महामृत्युंजय रूप में शिव अनेक रोगों का भी हरण करते हैं। शिव एक मात्र ऐसे परमबह्म हैं, जो साधक की कामना से क्षण भर में प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्राप्ति का वर दे देते हैं।
शिव का अर्थ मंगलमय और मंगलदाता है। शिव के इस मंगलमय रूप की उपासना समस्त जातकों, सिद्धों और साधकों के लिए मंगलमय है। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधुओं को मोक्ष प्राप्ति, रोगियों को रोगों से मुक्ति, सभी साधकों को मनवांछित फल प्राप्ति होती है। भगवान शिव की पूजा गृहस्थ जातकों के लिए जरूरी कही जा सकती है। इस दिन पूजा करने से गृहस्थ जीवन में चल रहा मतभेद, पूर्व गृहस्थ सुख, अखंड सौभाग्य की प्राप्ति आदि शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भगवान शिव कई रूपों में जातक की मनोकामना पूरी करते है। वहीं महामृत्युंजय रूप में शिव अनेक रोगों का भी हरण करते हैं। शिव एक मात्र ऐसे परमबह्म हैं, जो साधक की कामना से क्षण भर में प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्राप्ति का वर दे देते हैं।
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