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कुंडली मांगलिक है, तो घबराएं नहीं, यह करें उपाय
भले ही कुछ लोग मांगलिक होने को लेकर बड़ा हव्वा बनाते हों
लेकिन शास्त्रों के अनुसार मांगलिक होना कोई चिंता की वजह नहीं है। यदि
आपके पुत्र या पुत्री की कुंडली मांगलिक है, तो घबराएं नहीं, शास्त्रों में
मंगल दोष दूर करने के उपाय लिखित में उपलब्ध हैं। मांगलिक विचार का निर्णय
बारीकी से किया जाना चाहिए क्योंकि शास्त्रों में मांगलिक दोष निवारण के
तरीके उपलब्ध हैं। शास्त्र वचनों के जिस श्लोक के आधार पर जहां कोई कुंडली
मांगलिक बनती है, वहीं उस श्लोक की परिहार (काट) के कई प्रमाण हैं।
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ज्योतिष और व्याकरण का सिद्धांत है कि पूर्ववर्ती कारिका से परवर्ती कारिका (बाद वाली) बलवान होती है। दोष के सम्बंध में परवर्ती कारिका ही परिहार है। इसलिए मांगलिक दोष का परिहार मिलता हो तो जरूर विवाह का फैसला किया जाना चाहिए। परिहार नहीं मिलने पर भी यदि मांगलिक कन्या का विवाह गैर मांगलिक वर से करना हो तो शास्त्रों में विवाह से पूर्व घट विवाह का प्रावधान है। मांगलिक प्रभाव वाली कुंडली से भयभीत होने की जरूरत नहीं है। यह दोष नहीं है बल्कि इसी मंगल के प्रभाव से जातक कर्मठ, प्रभावशाली, धैर्यवान तथा सम्मानीय बनता है।
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