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इस मुहूर्त में की अगर घट स्थापना तो हो जाएंगे पौ बारह पच्चीस
नवरात्र शुद्धता से जुड़ा पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक
पूर्ण पवित्रता और सात्विकता बनाए रखते हुए देवी के नौ स्वरूपों की आराधना
करने का विधान है। इस बार नवरात्र पूरे 9 दिन के पड़ रहे है। इन नौ दिन
साधना के लिए बड़े ही फलदायी बताए गए हैं। माता दुर्गा की साधना के अलावा
आप इन दिनों और देवी-देवताओं की उपासना करके भी विशेष फल प्राप्त कर सकते
हैं। इन दिनों में यदि इन मुहूर्तों में पूजा-पाठ किए जाएं तो घर में
धन-धान्य किसी की भी कोई कमी नहीं रह जाती है। आइए जानें खास शुभ मुहूर्त-
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त -
जिन घरों में नवरात्रि पर घट-स्थापना होती है उनके लिए शुभ मुहूर्त 21 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट तक का है। इस दौरान घट स्थापना करना अच्छा होता है। किसी भी वक्त कलश स्थापित कर सकता है वैसे नवरात्र के प्रारंभ से ही अच्छा वक्त शुरू हो जाता है इसलिए अगर जातक शुभ मुहूर्त में घट स्थापना नहीं कर पाता है तो वो पूरे दिन किसी भी वक्त कलश स्थापित कर सकता है क्योंकि मां दुर्गा कभी भी अपने भक्तों का बुरा नहीं करती हैं। अभिजीत मुर्हूत 11.36 से 12.24 बजे तक है। देवी बोधन 26 सितंबर मंगलवार को होगा। बांग्ला पूजा पद्धति को मानने वाले पंडालों में उसी दिन पट खुल जाएंगे। जबकि 27 सितंबर सप्तमी तिथि को सुबह 9.40 बजे से देर शाम तक माता रानी के पट खुलने का शुभ मुहूर्त है।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त -
जिन घरों में नवरात्रि पर घट-स्थापना होती है उनके लिए शुभ मुहूर्त 21 सितंबर को सुबह 06 बजकर 03 मिनट से लेकर 08 बजकर 22 मिनट तक का है। इस दौरान घट स्थापना करना अच्छा होता है। किसी भी वक्त कलश स्थापित कर सकता है वैसे नवरात्र के प्रारंभ से ही अच्छा वक्त शुरू हो जाता है इसलिए अगर जातक शुभ मुहूर्त में घट स्थापना नहीं कर पाता है तो वो पूरे दिन किसी भी वक्त कलश स्थापित कर सकता है क्योंकि मां दुर्गा कभी भी अपने भक्तों का बुरा नहीं करती हैं। अभिजीत मुर्हूत 11.36 से 12.24 बजे तक है। देवी बोधन 26 सितंबर मंगलवार को होगा। बांग्ला पूजा पद्धति को मानने वाले पंडालों में उसी दिन पट खुल जाएंगे। जबकि 27 सितंबर सप्तमी तिथि को सुबह 9.40 बजे से देर शाम तक माता रानी के पट खुलने का शुभ मुहूर्त है।
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