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होलाष्टक: अष्टमी से पूर्णिमा तक सभी ग्रह रहेंगे उग्र, शुभ कार्य वर्जित
जयपुर। फागुन का महीना चल रहा है। फागुन माह में होली से पहले होलाष्टक लगते हैं। इस बार होलाष्टक 7 दिनों के हैं। आमतौर पर 8 दिनों के रहते हैं। होलाष्टक के 7 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक समाप्त हो जाएगा।
शास्त्रों में वर्णित कथनों के अनुसार होलाष्टक के दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है। सभी 9 ग्रह फाल्गुन शुक्ल अष्टमी ( 23 फरवरी) से पूर्णिमा (1 मार्च) तक उग्र रहेंगे। शुभ कार्य इसलिए नहीं हो सकेंगे, क्योंकि सभी शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए ग्रहों का सौम्य होना जरूरी है।
होलाष्टक के दिनों में ग्रहों के उग्र होने की वजह से नया व्यापार, गृह प्रवेश, विवाह, गर्भाधान, वाहन क्रय, जमीन व मकान की खरीदारी सहित अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।
ये ग्रह इन तिथियों पर रहेंगे उग्र
अष्टमी 23 फरवरी को चंद्र ग्रह।
नवमी 24 फरवरी को सूर्य ग्रह।
दशमी 25 फरवरी को शनि ग्रह।
एकादशी 26 फरवरी शुक्र।
द्वादशी 27 फरवरी को गुरु।
त्रयोदशी 28 फरवरी को बुध।
चतुर्दशी 01 मार्च को मंगल ग्रह।
पूर्णिमा 01 मार्च को ही राहू ग्रह।
शास्त्रों में वर्णित कथनों के अनुसार होलाष्टक के दौरान ग्रहों का स्वभाव उग्र रहता है। सभी 9 ग्रह फाल्गुन शुक्ल अष्टमी ( 23 फरवरी) से पूर्णिमा (1 मार्च) तक उग्र रहेंगे। शुभ कार्य इसलिए नहीं हो सकेंगे, क्योंकि सभी शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए ग्रहों का सौम्य होना जरूरी है।
होलाष्टक के दिनों में ग्रहों के उग्र होने की वजह से नया व्यापार, गृह प्रवेश, विवाह, गर्भाधान, वाहन क्रय, जमीन व मकान की खरीदारी सहित अन्य मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे।
ये ग्रह इन तिथियों पर रहेंगे उग्र
अष्टमी 23 फरवरी को चंद्र ग्रह।
नवमी 24 फरवरी को सूर्य ग्रह।
दशमी 25 फरवरी को शनि ग्रह।
एकादशी 26 फरवरी शुक्र।
द्वादशी 27 फरवरी को गुरु।
त्रयोदशी 28 फरवरी को बुध।
चतुर्दशी 01 मार्च को मंगल ग्रह।
पूर्णिमा 01 मार्च को ही राहू ग्रह।
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