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करंट लगने से हुई बंदर की मौत, जनता ने शवयात्रा निकाल किया अंतिम संस्कार
कोटा।
कुन्हाड़ी क्षेत्र के नांता रोड स्थित तनिष्क होटल के सामने लगे विद्युत
पोल पर गुरूवार शाम 6 बजे करीबन एक बन्दर की बिजली की चपेट में आने से मौत
हो गई। स्थानीय व्यापारियों ने शुक्रवार को बंदर की शव यात्रा निकाल कर
विधि विधान के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया।
मुलरूप से हनुमानगढ़ निवासी रामनिवास सामरिया पिछले दो वर्षाे से कोटा के कुन्हाडी क्षेत्र में रह रहे है। रामनिवास को गुरूवार शाम संत तुकाराम भवन के सामने तनिष्क होटल के पास लगे विद्युत पोल पर बिजली की चपेट में आने से बंदर की मौत होने की सूचना मिली। स्थानिय व्यापारियों के साथ लेकर बंदर के अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया। रात ज्यादा होने के कारण बंदर का अंतिम संस्कार शुरूवार सुबह किया गया। इसको लेकर सभी व्यापारियों ने सहयोग करते हुऐ बंदर को अंतिम विदाई देने के लिए ठेले पर शवयात्रा निकाल कर शव का पूर्ण विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
रामनिवास सामरिया ने बताया कि बंदर को हिन्दू धर्म में भगवान के रूप में देखा जाता है। धामिक आस्था के प्रतिक बंदर को अंतिम विदाई देने के लिए पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर रामनिवास सामरिया, राजेश सोनी, बंशीलाल सामरिया, रमेश टेपन, रामपाल पारेता, रघुवीर जांगिड, ग्यारसीलाल, राजु नागर, अजय सिंह सहित कई व्यापारी मोजूद रहे।
मुलरूप से हनुमानगढ़ निवासी रामनिवास सामरिया पिछले दो वर्षाे से कोटा के कुन्हाडी क्षेत्र में रह रहे है। रामनिवास को गुरूवार शाम संत तुकाराम भवन के सामने तनिष्क होटल के पास लगे विद्युत पोल पर बिजली की चपेट में आने से बंदर की मौत होने की सूचना मिली। स्थानिय व्यापारियों के साथ लेकर बंदर के अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया। रात ज्यादा होने के कारण बंदर का अंतिम संस्कार शुरूवार सुबह किया गया। इसको लेकर सभी व्यापारियों ने सहयोग करते हुऐ बंदर को अंतिम विदाई देने के लिए ठेले पर शवयात्रा निकाल कर शव का पूर्ण विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
रामनिवास सामरिया ने बताया कि बंदर को हिन्दू धर्म में भगवान के रूप में देखा जाता है। धामिक आस्था के प्रतिक बंदर को अंतिम विदाई देने के लिए पूरे हिन्दू रीति रिवाज के साथ बंदर का अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर रामनिवास सामरिया, राजेश सोनी, बंशीलाल सामरिया, रमेश टेपन, रामपाल पारेता, रघुवीर जांगिड, ग्यारसीलाल, राजु नागर, अजय सिंह सहित कई व्यापारी मोजूद रहे।
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