विजयन ने इंडियन एक्सपे्रस को दिए एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरा मानना है
कि यूएई ने खुद सहायता का प्रस्ताव दिया है। यूएई को किसी अन्य राष्ट्र के
रूप में नहीं समझा जा सकता है, जैसाकि उनके शासकों ने रेखांकित किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय, खासतौर से केरल के लोगों का उनके राष्ट्र निर्माण में काफी योगदान है।’’केरल
के वित्त मंत्री थॉमस इसाक कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा बाढ़ पीडि़तों
के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की वित्तीय सहायता पर रोक लगाने को लेकर
अचंभे में हैं जबकि सरकार ने खुद अभी तक केवल 600 करोड़ रुपये की ही सहायता
दी है।इसाक ने एनडीटीवी न्यूज चैनल से कहा, ‘‘हमने दो हजार करोड़
रुपये मांगे थे। उन्होंने (केंद्र) हमें केवल 600 करोड़़ रुपये ही दिए।
मुझे नहीं पता कि वे क्यों अन्य सरकारों की मदद को नकार रहे हैं।’’पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने भी केंद्र द्वारा कथित तौर पर यूएई की मौद्रिक मदद अस्वीकार करने पर हैरानी जाहिर की। चांडी
ने मोदी को एक पत्र लिखकर कहा, ‘‘मुझे खेद है कि भारत सरकार द्वारा घोषित
वित्तीय सहायता निराशाजनक है क्योंकि संकट काफी जटिल है।’’उन्होंने कहा कि केरल को संकट से उबरने के लिए समुचित मदद की आवश्यकता है। उन्होंने मोदी से आग्रह किया कि विदेशी मदद की राह में जो बाधाएं हैं उसे दूर किया जाना चाहिए।