प्रदेश में जनमानस में अपनी छवि बना चुकी वसुंधरा राजे से बगावत कर पार्टी
के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी बीजेपी छोड़ दीनदयाल वाहिनी नामक पार्टी का
गठन कर लिया। उनके नई पार्टी का ऐलान करने के साथ ही राजनीतिक गलियारे में
चर्चा होने लगी कि वसुंधरा की जगह कोई और नाम आगे आ सकता है, लेकिन ऐसा
हुआ नहीं। अब केंद्रीय नेतृत्व में वसुंधरा राजे के रूप में अपनी मंशा
जाहिर कर चुका है।अमित शाह भी कर चुके हैं ये ऐलानहाल
ही जयपुर में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की दो दिवसीय बैठक के समापन सत्र
में आए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी राजस्थान में आने वाला
विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ही लड़ने का ऐलान
कर चुके हैं। वे भी विश्वास जता चुके हैं कि राजस्थान में एक बार बीजेपी और
एक बार कांग्रेस की परंपरा इस बार टूट जाएगी और वसुंधरा राजे प्रचंड बहुमत
के साथ वह एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगी। वे वसुंधरा राजे सरकार की जमकर
तारीफ कर चुके हैं। वे सार्वजनिक रूप से ऐलान कर चुके हैं कि नवंबर में
होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा वसुंधरा राजे ही होंगी
और वे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।राजनीतिक गलियारे में चली चर्चाएं