जो अपने गुस्से और दिल के हाथों मजबूर होकर अक्सर मुश्किलों में पड़ जाता है।
इस रोल को संजय ने बखूबी निभाया है, हालांकि कई जगह वह थोड़ा निराश भी करते नजर आए हैं।
इसके साथ ही जहां ये तीनों अपने रोल के साथ न्याय करते नजर आए हैं, वहीं फिल्म की अन्य दो
ऐक्ट्रेसेस के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता है। मोना के किरदार में चित्रागंदा सिंह
बेशक बहुत ही खूबसूरत नजर आई हैं, लेकिन अपने इंट्रो सीने को छोड़कर वह फिल्म में अपनी
कोई खास छाप नहीं छोड़ पाई हैं। दूसरी ओर सोहा अली खान के टैलंट को साहेब की दूसरी
बीवी रंजना के रोल में एकदम बर्बाद किया गया है। इसके अलावा कबीर बेदी, नफीसा अली और दीपक
तिजौरी बूंदीगढ़ के राजपरिवार के तौर पर सपोर्टिंग रोल में फिट नजर आए हैं।