शोधकर्ताओं ने कहा कि जो किशोरावस्था में शराब का सेवन करते/करती हैं, उनकी
पीएफसी की गतिविधियों में शिथिलता आ जाती है, इससे उन्हें संज्ञानात्मक
कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और बाद में यह शराब पीकर हुड़दंग करने,
मारपीट करने जैसी गतिविधियों में बदल जाती है। (आईएएनएस)