ग्रंथों
के अनुसार केवल तीन महीनों से महादेव के इस व्रत को पूरी शिददत के साथ
करने से संतान सुख के योग बनने लगते हैं और सौभाग्य व प्रतिष्ठा में भी
बढ़ोत्तरी होती है।
प्रदोष व्रत के दिन सूर्य उदय से पूर्व उठकर हो सके तो गंगा स्नान या फिर
किसी नदी में स्नान करना चाहिये। अन्यथा घर में ही स्नान करके भगवान शिव की
उपासना करना चाहिये।