कुछ लोग नदी को देखकर ये सोचते हैं कि इसका रंग किसी Algae
या Moss
से आता है मगर ये हक़ीक़त ये नहीं है|असल में ये कमाल है Macarenia
Clavigera नाम के एक पौधे का, जिसे एक ख़ास मौसम में निश्चित जल-सीमा और निश्चित मात्रा में सूरज की रौशनी मिले, तो ये रंग बदलता है| इस रंग मिज़ाज नदी की ख़ूबसूरती आप सिर्फ़ जून से दिसम्बर तक ही देख सकते हैं| जनवरी से मई तक गर्मी के कारण पर्यटकों के लिए इस जगह को बंद रखा जाता है|
अधिकतर इस नदी का रंग हल्का या गहरा गुलाबी और हल्का या गहरा लाल होता है मगर कभी-कभी इसका रंग नीला, पीला, नारंगी और हरा भी हो जाता है| दुनियाभर में कम लोकप्रिय होने की वजह से यहां विदेशी पर्यटक भले कम आते हैं मगर स्थानीय लोगों के लिए वीकेंड पिकनिक की ये पसंदीदा जगह है| उसकी वजह इस रंग बदलती नदी के अलावा यहां की प्राकृतिक ख़ूबसूरती है| प्रकृति की इस ख़ूबसूरती के बरक़रार रखने के लिए यहां कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जैसे एक ग्रुप में 7
से ज़्यादा लोग यहां नहीं जा सकते और एक दिन में 200
से ज़्यादा लोगों को इस क्षेत्र में जाने की इजाज़त नहीं है|