ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर रीजनरेटिव मेडिसिन एंड सेल बेस्ड
थेरैपीज के निदेशक चंदन सेन ने कहा कि हमारी इस अनूठी नैनोचिप तकनीक के
माध्यम से चोटिल या ऐसे अंगों को बदला जा सकता है जो ठीक से काम नहीं कर पा
रह। हमने दिखाया है कि त्वचा एक उपजाऊ भूमि है जिस पर हम किसी भी ऐसे अंग
के तत्वों को पैदा कर सकते हैं, जिनमें कमी आ रही है।