चाय की एक भी दुकान नहीं...गांव में चाय की दूकान न होने के बाद
एक और तथ्य है जो इस गांव को भारत के अन्य स्थानों से अलग करता है। असल
में इस गांव में दूध को बेचना भी पाप माना जाता है। गांव के स्थानीय लोगों
की मान्यता है की यदि गांव में किसी ने दूध को पैसा लेकर किसी को बेचा तो
गांव पर मुसीबतें आ जाएंगी। इस मान्यता के चलते ही इस गांव में दशकों से
दूध को नहीं बेचा जाता है। हालांकि यहां आपको बहुत घरों में गाय या भैंसे
बंधी मिलेंगी। दूध का उत्पादन होता मिलेगा लेकिन दूध का व्यवसायीकरण आपको
इस गांव में नहीं मिलेगा।अनहोनी की वजह से लोग नहीं बेचते दूध...