आत्मसमर्पित 15 युवाओं ने काउंसिलिंग के दौरान ड्राइविंग प्रशिक्षण के
लिए अभिरुचि व्यक्त की थी। इसके अनुसार चयनित युवाओं को कांकेर में ड्राइवर
का मैकेनिक का प्रशिक्षण प्रदाय किया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद उनके
रोजगार की व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन प्रयासरत है।आदिवासी समूह
में से एक जाति एैसी भी है, जो पारंपरिक विधा से बांस की टोकनी आदि बनाकर
जीवन यापन करती है। जिले के नरहरपुर विकासखंड के तीन पंचायतों- मावलीपारा,
मुसुरपुट्टा और चोरिया के 71 युवाओं को चयनित कर उनमें व्यावसायिक कौशल का
विकास करने के लिए बांस-शिल्प का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें बांस के
फर्नीचर, विभिन्न कलाकृतियां, चटाई के साथ-साथ बांस के आभूषण बनाने की कला
भी युवाओं को सिखाई गई। ये युवा चंूकि पारंपरिक रूप से इस कार्य
में पूर्व से ही पारंगत थे, जिसके फलस्वरूप युवाओं में प्रशिक्षण के लिए
उत्साह बना रहा। प्रशिक्षण के बाद युवा अपनी तैयार सामग्रियों के विक्रय
खातिर विभिन्न मेला व पर्यटन स्थलों पर जाकर ख्याति प्राप्त कर रहे हैं और
उनकी आजीविका के साधनों में वृद्धि हो रही है। --आईएएनएस